गहलोत के खिलाफ मायावती ने रचा चक्रव्यूह, 2023 में दर्द देने की पूरी तैयारी

मायावती से मिली हिदायत के बाद प्रदेश इकाई जिले तथा बूथ स्तर पर फोकस कर रही है, भगवान सिंह बाबा ने कहा कि मायावती की राजस्थान पर खास नजर है, वो प्रदेश नेतृत्व को इस बारे में सख्त हिदायत दे चुकी हैं।

New Delhi, Aug 13 : बसपा प्रमुख मायावती ने अपने 6 विधायकों से झटके से उबरने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को विधानसभा चुनाव 2023 में दर्द देने की पूरी तैयारी कर ली है, बसपा कांग्रेस को घेरने के लिये राजस्थान में इन जिलों जिलेवार तथा बूथ स्तर पर कार्यकर्ता सम्मेलन पर फोकस कर रही है, इस बीच बसपा के वरिष्ठ नेता सांसद रामजी लाल गौतम 26 अगस्त से 5 दिवसीय राजस्थान दौरे पर आ रहे हैं, इस दौरान वो कई जिलों का दौरा करेंगे, माना जा रहा है कि कांग्रेस को घेरने के लिये बसपा जमीन पर उतरने की तैयारी कर रही है।

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6 विधायक कांग्रेस में शामिल
आपको बता दें कि 2018 में चुनाव जीतने के बाद बसपा के 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गये थे, जिसमें राजेन्द्र गुढा, लाखन मीना, वाजिब अली, गिर्राज सिंह मलिंग, संदीप यादव, दीपचंद खैरिया और जोंगिदर सिंह का नाम शामिल है, ashok gahlot लेकिन 2020 में सचिन पायलट की बगावत के समय बसपा विधायकों ने गहलोत सरकार बचाने में बड़ी भूमिका निभाई, इसी वजह से बसपा इस बार फूंक-फूंक कर कदम रख रही है, बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने कहा कि पार्टी के लिये समर्पित कार्यकर्ताओं को ही इस बार टिकट दिया जाएगा, राजस्थान बसपा का मिशन 2023 के तहत टिकाऊ उम्मीदवारों की तलाश जारी है।

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बूथ स्तर पर फोकस
मायावती से मिली हिदायत के बाद प्रदेश इकाई जिले तथा बूथ स्तर पर फोकस कर रही है, भगवान सिंह बाबा ने कहा कि मायावती की राजस्थान पर खास नजर है, वो प्रदेश नेतृत्व को इस बारे में सख्त हिदायत दे चुकी हैं, mayawati कि पार्टी के साथ ऐसे कार्यकर्ताओं को जोड़ा जाए, जो समर्पित होकर लंबे समय तक पार्टी को सेवा दे सके, प्रदेश अध्यक्ष ने कहा 2018 में हमने पार्टी के सिंबल पर 6 विधायकों को जितवाया, लेकिन दुर्भाग्य से सभी नेता विधायक बनने के बाद गहलोत सरकार में मंत्री पद के लालच में छोड़कर चले गये, लेकिन इस बार टिकाऊ कार्यकर्ताओं का तयन किये जाने पर जोर दिया जा रहा है।

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गहलोत-माया की रही है पुरानी अदावत
मायावती और अशोक गहलोत की पुरानी अदावत रही है, मायावती गहलोत सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर चुकी है, मायावती का कहना है कि राजस्थान में दलित और आदिवासी सुरक्षित नहीं है, दलितों की सुरक्षा करने में कांग्रेस सरकार पूरी तरह से फेल रही है, सीएम गहलोत भी मायावती पर निशाना साधने में पीछे नहीं रहे हैं, सीएम गहलोत ने यूपी में कांग्रेस को मिली हार के लिये मायावती को जिम्मेदार बताया था, सीएम गहलोत के अनुसार 90 के दशक में कांग्रेस ने बसपा से गठबंधन किया, दो तिहाई सीटें बसपा को दे दी, खुद जूनियर पार्टी बन गई, ये हमारी अब तक की सबसे बड़ी भूल थी, जिसका नतीजा ये रहा कि पार्टी आज तक खड़ी नहीं हो पाई, राजस्थान के सीएम ने कहा कि जिस तरह से मायावती ने पूरा खेल खेला है, इनकी अपेक्षा उनसे नहीं थी, उन्होने कहा कि वो एक आइडियोलॉजी का प्रतिनिधित्व कर रही है, लेकिन उन्होने बसपा को ही धोखा दे दिया, जिस तरह से उन्होने बीजेपी का समर्थन किया है, वो एक राजनीतिक आत्महत्या है।