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उत्तेजना या फिर मारने के लिये, सोनाली को दिया था ये ड्रग, जानिये कितना खतरनाक

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन ड्रग अब्यूज के मुताबिक मेथामफेटामाइन एक बहुत ही घातक और शक्तिशाली ड्रग होती है, कोई इसे लेता है, तो इसकी लत जल्दी लगती है।

New Delhi, Aug 28 : सोनाली फोगाट की मौत को लेकर एक नया खुलासा हुआ है, गोवा के कर्लीज रेस्तरां में आरोपियों ने सोनाली को मेथामफेटामाइन नाम का ड्रग दिया था, अंजुना पुलिस ने कर्लीज रेस्तरां के वॉशरुप से ड्रग्स जब्त की थी, इस ड्रग्स की जांच के बाद ये सामने आया है कि ये मेथामफेटामाइन था, पुलिस ने सुधीर सांगवान, सुखविंदर सिंह और कर्लीज रेस्तरां के मालिक एडविन न्यून्स तथा ड्रग पैडलर दत्ता प्रसाद गांवकर को गिरफ्तार कर लिया है, सुधीर और सुखविंदर के खिलाफ हत्या की धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ है, जबकि गांवकर और न्यून्स के खिलाफ स्वापक औषधि और मनःप्रभावी पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि जांच में सामने आया है कि दत्ता प्रसाद गांवकर ने कथित तौर पर सुखविंदर और सुधीर सांगवान को मादक पदार्थ की आपूर्ति की थी, गांवकर अंजुना के उस होटल का कर्मचारी है, जहां फोगाट ठहरी थी, दोनों आरोपियों ने अपने बयान में संदिग्ध से मादक पदार्थ खरीदने की बात कबूली थी, जिसके बाद गांवकर को हिरासत में ले लिया गया।

क्या है मेथामफेटामाइन
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन ड्रग अब्यूज के मुताबिक मेथामफेटामाइन एक बहुत ही घातक और शक्तिशाली ड्रग होती है, कोई इसे लेता है, तो इसकी लत जल्दी लगती है, ऐसा इसलिये होता है, क्योंकि मेतामफेटमाइन ड्रग सीधा नशा लेने वाले के सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है। मेथामफेटामाइन एक तरह का क्रिस्टल ड्रग है, ये देखने में कांच के टुकड़ों की तरह होता है, देखने में बेहद चमकदार होता है, ड्रग को अगर केमिकल के रुप में देखें, तो ये एम्फैटेमिन की तरह ही होता है, एम्फैटेमिन का इस्तेमाल अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर और नार्कोलेप्सी, नींद ना आने की समस्या के इलाज में दवा के तौर पर किया जाता है।

कैसे लेते हैं
मेथामफेटामाइन ड्रग के एडिक्टेड इसे कई तरह से लेते हैं, कई इसे सिगरेट में भरकर पीते हैं और धुएं से नशा लेते हैं, वहीं कुछ इसे गोली की तरह निगलते हैं, कुछ सूंघकर नशा करते हैं, वहीं पानी या फिर शराब में घोलकर भी पीते हैं, कई नशा करने वाले बिंगिंग फॉर्म में भी लेते हैं, जिसे वो रन कहते हैं, सोनाली को पानी में घोलकर पिलाया गया था।

दिमाग पर असर
मेथामफेटामाइन ड्रग दिमाग में डोपामाइन की मात्रा को बढाता है, डोपामाइन एक न्यूरोट्रांसमीटर होता है, एक ऐसा रसायन जो दिमाग की नर्व सेल्स के बीच सिग्नल को भेजता है, डोपामाइन दिमाग के फील गुड फैक्टर के लिये जिम्मेदार होता है, जो आपके मूड को अच्छा रखने में मदद करता है, ये आपको दिमाग में तब सक्रिय होता, जब आप किसी ऐसी चीज के संपर्क में होते हैं, जो आपको खुशी और आनंद देती है। ये शरीर के मूवमेंट, मोटिवेशन, और व्यवहार में आने वाले कई तरह के बदलाव लाता है।

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