PFI के खिलाफ दो-तरफा एक्शन, 24 घंटे 100 से ज्यादा सदस्य गिरफ्तार
इससे पहले एनआईए ने 18 सितंबर को आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना में 23 जगहों पर छापेमारी की थी, जहां कराटे प्रशिक्षण केन्द्र के नाम पर प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के ट्रेनिंग कैंप चलाये जा रहे थे।
New Delhi, Sep 22 : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिय के ठिकानों और उससे जुड़े लिंक पर केरल और तमिलनाडु समेत देशभर के 10 राज्यों में छापेमारी की है, पीएफआई से जुड़े लोगों पर टेरर फंडिंग और कैंप चलाने के मामले में ईडी और एनआईए ने राज्य पुलिस बलों की टीम के साथ यूपी, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु समेत कई राज्यों में छापेमारी की है, ये छापेमारी आतंकी गतिविधियों के संचालन, प्रशिक्षण शिविर चलाने तथा प्रतिबंधित संगठनों में शामिल होने के लिये लोगों को कट्टरपंथी बनाने में शामिल व्यक्तियों के आवासीय तथा आधिकारिक परिसरों की जा रही है।
10 राज्यों से 100 से ज्यादा सदस्य गिरफ्तार
होम मिनिस्ट्री के सूत्रों के अनुसार केरल समेत देश के 10 राज्यों में पीएफआई के 50 ठिकानों पर एनआईए और ईडी की छापेमारी चल रही है, अब तक 100 से ज्यादा पीएफआई के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, पीएफआई के नेताओं और इस संगठन से जुड़े ऑफिस पर सर्च जारी है, इस छापेमारी में एनआईए के साथ ईडी की भी टीम है।
18 सितंबर को 23 जगहों पर छापेमारी
इससे पहले एनआईए ने 18 सितंबर को आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना में 23 जगहों पर छापेमारी की थी, जहां कराटे प्रशिक्षण केन्द्र के नाम पर प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के ट्रेनिंग कैंप चलाये जा रहे थे, एनआईए ने निजामाबाद, कुरनूल, गुंटूर और नेल्लोर जिले में छापेमारी की थी, सूत्रों के मुताबिक इन जगहों पर आतंकी गतिविधियों के संचालन की जानकारी मिली थी।
लगातार जारी है एक्शन
एनआईए ने इस महीने की शुरुआत में भी पीएफआई मामले में तेलंगाना तथा आंध्र प्रदेश में 40 स्थानों पर छापेमारी की, 4 लोगों को हिरासत में लिया था, एजेंसी ने तब तेलंगाना में निजामाबाद जिले के अब्दुल खादर और 26 अन्य व्यक्तियों से संबंधित मामले में तेलंगाना में 38 स्थानों पर छापेमारी की थी। एनआईए ने इस ऑपरेशन में डिजिटल डिवाइस, दस्तावेज, दो खंजर तथा 8 लाख से ज्यादा नकदी समेत आपत्तिजनक सामान जब्त की थी, एनआईए के अनुसार आरोपित आतंकवादी कृत्यों को करने के लिये प्रशिक्षण देने और धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढावा देने के लिये शिविर आयोजित कर रहे थे।