2024 के लिये अमित शाह ने संभाल ली है कमान, लालू-नीतीश के चक्रव्यूह की इनसाइड स्टोरी
जदयू से नाता टूटने के बाद ये बात साफ है कि बीजेपी 2024 लोकसभा चुनाव में बिहार के अकेले दम पर उतरने की तैयारी में हैं, नीतीश का अचानक पाला बदलने से बीजेपी को तत्कालिक झटका लगा है, लेकिन उसके सियासी महत्वाकांक्षा के हक में है।
New Delhi, Sep 23 : बिहार में सियासी बदलाव के बाद राजनीतिक समीकर बदल चुका है, बीजेपी अब किसी दूसरे दल की बैशाखी के बजाय एकला चलो की राह पर है, जदयू के साथ गठबंधन में रहते हुए बीजेपी बिहार में अभी तक खुलकर हिंदुत्व का दांव नहीं खेल पा रही थी, लेकिन अब नीतीश से राहें अलग होने के बाद बीजेपी को आपदा में अवसर नजर आ रहा, यही वजह है कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार में मिशन-2024 का आगाज मुस्लिम बहुल क्षेत्र माने जाने वाले सीमांचल से कर रहे हैं।
दो दिवसीय दौरा
नीतीश के एनडीए से अलग होने के बाद अमित शाह पहली बार शुक्रवार को बिहार के दो दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं, अमित शाह शुक्रवार को सीमांचल के पूर्णिया और शनिवार को किशनगंज में रैली करेंगे, शाह इस बार बिहार के उन इलाकों में दौरा कर रहे हैं, जिसे राजद या महागठबंधन के गढ के रुप में देखा जाता है, यही वजह है कि अमित शाह के दौरे को लेकर महागठबंधन में खलबली मची हुई है।
अकेले तैयारी
जदयू से नाता टूटने के बाद ये बात साफ है कि बीजेपी 2024 लोकसभा चुनाव में बिहार के अकेले दम पर उतरने की तैयारी में हैं, नीतीश का अचानक पाला बदलने से बीजेपी को तत्कालिक झटका लगा है, लेकिन उसके सियासी महत्वाकांक्षा के हक में है, बीजेपी के तमाम नेता ये महसूस कर रहे थे कि गठबंधन में रहते हुए बिहार में अपना सीएम बनाने का सपना पूरा नहीं हो सकता है, यही वजह है कि गठबंधन टूटते ही बीजेपी ने बिहार में अपना टारगेट तय कर लिया है।
35 प्लस का टारगेट
बीजेपी ने मिशन 2024 के लिये 40 सीटों में 35 प्लस का लक्ष्य रखा है, बीजेपी के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिये अमित शाह ने कमान संभाल ली है, रणनीति के तहत मिशन 2024 का आगाज सीमांचल से किया जा रहा है, ताकि महागठबंधन को उसके मजबूत गढ में चुनौती दिया जा सके। दो दिवसीय दौरे पर शाह सीमांचल के पूर्णिया पहुंच रहे हैं, जहां मोदी सरकार की उपलब्धियों को गिनाकर नीतीश के खिलाफ माहौल तैयार किया जा सके, आपको बता दें कि सीमांचल में 40 से 70 फीसदी तक मुस्लिम आबादी है। सीमांचल का इलाका असम और पश्चिम बंगाल से लगा हुआ है, इस इलाके में शुरु से ही बांग्लादेशी घुसपैठ एक बड़ा मुद्दा है, ऐसे में अमित शाह सीमांचल दौरे पर इस मुद्दे को रैली में उठाकर सियासी एजेंडा सेट कर सकते हैं, बीजेपी नेता इस बात का खुले तौर पर संकेत भी दे रहे हैं, तो विपक्ष अमित शाह के सीमांचल दौरे पर सवाल खड़े करने के साथ ही सतर्क भी है। सीमांचल में 4 लोकसभा और 24 विधानसभा की सीटें है।