कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव- शशि थरुर से रेस में क्यों आगे माने जा रहे गहलोत, इनसाइड स्टोरी

शशि थरुर ने जब से अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का संकेत दिया, तब से उनकी आलोचना भी हो रही है, सबसे कड़ी आलोचना उनके घरेलू प्रदेश केरल से हुई, इतना ही नहीं केरल कांग्रेस के नेता ने कहा कि थरुर को चुनाव नहीं लड़ना चाहिये।

New Delhi, Sep 23 : भारत जोड़ो यात्रा के बीच कांग्रेस में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिये अधिसूचना जारी हो गई, इसके साथ ही कांग्रेस ऑफिस में भी हलचल तेज हो गई है, अपने राजनीतिक अस्तित्व की जमीन तलाशने में जुटी कांग्रेस के लिये हलचल स्वाभाविक है, बीजेपी लगातार कांग्रेस पर वंशवाद की राजनीति को लेकर निशाना साधती रही है, लेकिन राहुल का अध्यक्ष ना बनने का फैसला इन हमलों पर ना सिर्फ विराम की तरह होगा, बल्कि इससे ये भी साफ हो गया कि देश की सबसे पुरानी पार्टी का अध्यक्ष 24 साल बाद गैर गांधी होगा।

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ये नाम रेस में
कांग्रेस के बागियों का ग्रुप लगातार पार्टी में फुल टाइम अध्यक्ष की वकालत करता रहा है, ऐसे में अब पार्टी गैर गांधी अध्यक्ष की ओर बढ रही है, माना जा रहा है कि अध्यक्ष पद के लिये मुकाबला राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत तथा केरल से सांसद शशि थरुर के बीच होना है, दोनों विपरीत व्यक्तित्व वाले हैं, हालांकि अशोक गहलोत के कद और अनुभव को देखते हुए उन्हें शशि थरुर से काफी आगे माना जा रहा है, इसके साथ ही गहलोत गांधी परिवार के करीबी और कांग्रेस के वफादारों में हैं।

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थरुर के सामने क्या परेशानी
शशि थरुर ने जब से अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का संकेत दिया, तब से उनकी आलोचना भी हो रही है, सबसे कड़ी आलोचना उनके घरेलू प्रदेश केरल से हुई, इतना ही नहीं केरल कांग्रेस के नेता ने कहा कि थरुर को चुनाव नहीं लड़ना चाहिये, वो केरल से हैं, तो क्या हुआ, केपीसीसी सिर्फ उनका साथ देगी, जिसका गांधी परिवार समर्थन करेगा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के सुरेश ने भी थरुर पर निशाना साधा, उन्होने कहा कि थरुर अंतरराष्ट्रीय व्यक्ति हैं, सर्वसम्मति से उम्मीदवार होना चाहिये, हम अभी भी राहुल गांधी से कांग्रेस अध्यक्ष बनने की अपील कर रहे हैं, अगर राहुल नहीं बन रहे, तो मुझे लगता है कि चुनाव हो तो ज्यादा अच्छा है।

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गौरव वल्लभ ने भी साधा निशाना
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने भी शशि थरुर पर निशाना साधा, उन्होने कहा कि एक तरफ कार्यकर्ताओं और जमीन से जुड़े अशोक गहलोत हैं, जिन्हें 3 बार केन्द्रीय मंत्री, तीन बार सीएम, 5 बार सांसद, 5 बार विधायक रहने का अनुभव है, जिन्होने सीधी टक्कर में मोदी-शाह को पटखनी दी है, जिनका 45 साल का निष्कलंक राजनीतिक जीवन हो, वहीं दूसरी ओर शशि थरुर साहब हैं, जिनका पिछले 8 सालों में पार्टी के लिये एक ही प्रमुख योगदान है, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जी को तब चिट्ठियां भेजी, जब वो अस्पताल में भर्ती थी, उनके इस कृत्य ने मुझ जैसे करोड़ों कार्यकर्ताओं को पीड़ा दी।