सीपी जोशी से सचिन पायलट के पिता तक, पहले भी इन लोगों का खेल बिगाड़ चुके हैं अशोक गहलोत
सचिन पायलट ही नहीं उनके पिता राजेश पायलट से भी गहलोत का टकराव हो चुका है, लेकिन वहां भी बाजी गहलोत के हाथ लगी थी।
New Delhi, Sep 26 : सीएम अशोक गहलोत को जादूगर कहा जाता है, उनके सियासी सफर में ना जाने कितने लोग उनके प्रतिद्वंदी के तौर पर सामने आये, लेकिन गहलोत ने उनकी काट निकाल ही ली, इस बार अशोक गहलोत के सामने सचिन पायलट की दावेदारी है, गहलोत के सामने पहले भी ये स्थिति आ चुकी है, तब भी वो आसानी से निकल गये थे, तब उनको सीपी जोशी और राजेश पायलट से चुनौती मिली थी।
सीपी जोशी और गहलोत में नहीं बनती थी
एक समय वो भी था जब सीपी जोशी और अशोक गहलोत के बीच बिल्कुल नहीं बनती थी, लेकिन आज गहलोत सीपी जोशी को सीएम बनाने के पक्ष में दिख रहे हैं, वो जोशी के जरिये पायलट का पत्ता साफ कराने में लगे हैं, ये 14 साल पहले 2008 की बात है, वो सीएम पद के मजबूत दावेदार थे और प्रदेश अध्यक्ष भी, लेकिन एक वोट से विधानसभा चुनाव हारने के बाद सीपी जोशी सीएम रेस से बाहर हो गये। मौजूदा राजनीतिक हालात की बात करें, तो जोशी और गहलोत करीबी हो चुके हैं, जोशी ने गहलोत के बेटे वैभव को राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष बनवाने में बड़ी भूमिका निभाई थी, जोशी ने बगावत के समय पायलट गुट के विधायकों को अयोग्यता का नोटिस भेजा था, जिसके बाद से जोशी और गहलोत के रिश्ते मीठे होते गये।
गहलोत ने कब-कब क्या कमाल किया
सचिन पायलट ही नहीं उनके पिता राजेश पायलट से भी गहलोत का टकराव हो चुका है, लेकिन वहां भी बाजी गहलोत के हाथ लगी थी, 1993 की बात है, जब अशोक गहलोत के संसदीय क्षेत्र जोधपुर में तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री राजेश पायलट पहुंचे थे, लेकिन उनको बुलाया ही नहीं गया, जब लोगों ने पूछा कि हमारे सांसद कहां हैं, तो राजेश पायलट ने कहा कि बेचारे गहलोत यहीं कहीं होंगे, लेकिन कुछ समय बाद ही बाजी गहलोत के हाथ आ गई, वो राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष बन गये।
आलाकमान का भरोसा
1998 का दौर आया, तो सीताराम केसरी कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव हार गये, जिसके बाद राजेश पायलट साइडलाइन हो गये, बाद में सोनिया गांधी का हमेशा गहलोत को समर्थन मिला, राजेश पायलट किनारे पर चले गये, देखा जाए तो 1998 में राजेश पायलट, 2008 में सीपी जोशी और 2018 में सचिन पायलट की चुनौती के बावजूद अशोक गहलोत सीएम की कुर्सी पर बने रहे, अब सबकी नजरें गहलोत के अगले दांव पर है, सीपी जोशी को कमान सौंपी जाएगी, या सचिन पायलट की ताजपोशी होगी।