राजकीय शोक का मतलब क्या होता है, इसमें क्या-क्या बदलता है, जानिये हर रस्म?

जब किसी राजनेता या फिर हस्ती के लिये राजकीय शोक की घोषणा की जाती है, तो उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाता है।

New Delhi, Oct 10 : यूपी की योगी सरकार ने कद्दावर राजनेता तथा प्रदेश के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव के निधन पर 3 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की है, सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा, जब भी किसी बड़े राजनेता या हस्ती का निधन होता है, तो सरकार राजकीय शोक की घोषणा करती है, आइये जानते हैं कि राष्ट्रीय शोक और राजकीय अंत्येष्टि का क्या मतलब है।

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राजकीय शोक
जब किसी राजनेता या फिर हस्ती के लिये राजकीय शोक की घोषणा की जाती है, तो उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाता है, mulayam राजकीय अंतिम संस्कार के दौरान मृतक के पार्थिव शरीर वाले ताबूत को पूरे तिरंगे से लपेटा जाता है, इसके साथ ही राजकीय शोक में भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार राष्ट्र ध्वज तिरंगा को आधा झुका दिया जाता है।

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गन सेल्यूट
इससे पहले मातृभूमि के सम्मान में इसे मस्तूल के शीर्ष पर उठाया जाता है, फिर नीचे कर दिया जाता है, अंतिम संस्कार के समय गन सैल्यूट की रस्म अदायगी की जाती है, राजकीय शोक के समय सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की जाती है।

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क्या-क्या रस्म
पहले राजकीय शोक की घोषणा प्रधानमंत्रियों, प्रदेश के मुख्यमंत्रियों तथा केन्द्रीय मंत्रियों (पूर्व या वर्तमान में पद पर आसीन) के निधन पर ही की जाती थी, लेकिन अब इस नियम को बदल दिया गया है, mulayam singh अब ये सम्मान उन सभी व्यक्तियों को दिया जाता है, जिन्होने देश के नाम को ऊंचा करने के लिये काम किया है, उनके कद तथा काम को देखते हुए प्रदेश सरकार फैसला लेती है, अब जीवन के सभी क्षेत्रों, राजनीति, विज्ञान, साहित्य, कला, कानून में बड़ा योगदान देने वाले लोगों को ये राजकीय सम्मान दिया जाता है।