पाकिस्तान को विश्वकप से बाहर करने में इस भारतीय का हाथ, बिना मैदान में उतरे ही कर दिया खेल

लालचंद राजपूत सही तारीख भूल गये, लेकिन उन्हें याद है कि ये जुलाई 2018 की बात है, जब भारत के इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने जिम्बॉब्बे पुरुष टीम के मुख्य कोच का पद संभाला।

New Delhi, Oct 29 : पाकिस्तानी टीम के लिये टी-20 विश्वकप किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा है, पाक टीम को पहले मैच में भारत के खिलाफ 4 विकेट से हार मिली, इस मैच में भी पाकिस्तानी हावी दिख रहा था, लेकिन आखिरी के ओवरों में विराट ने मैच पलट दिया, फिर दूसरे मैच में जिम्बॉब्बे से 1 रन से हार झेलनी पड़ी, जिम्बॉब्बे के खिलाफ मिली बार में एक भारतीय का बड़ा योगदान रहा है, आइये इस बारे में जानते हैं।

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4 साल पहले बने थे कोच
लालचंद राजपूत सही तारीख भूल गये, लेकिन उन्हें याद है कि ये जुलाई 2018 की बात है, जब भारत के इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने जिम्बॉब्बे पुरुष टीम के मुख्य कोच का पद संभाला, अगले ही दिन पाक के खिलाफ 5 मैचों की वनडे सीरीज की शुरुआत हुई, पाक के खिलाफ पहला वनडे मैच 13 जुलाई 2018 को खेला गया।

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विवाद की वजह से बाहर हुए थे ये खिलाड़ी
जिम्बॉब्बे टीम को कोच लालचंद राजपूत ने पीटीआई को बताया, मैच से एक दिन पहले मुझे जिम्बॉब्बे क्रिकेट ने सूचित किया, sikander2 कि सीन इर्विन, क्रेग विलियम्स, सिकंदर रजा तथा ब्रेंडन टेलर बोर्ड के साथ टकराव की वजह से बाहर हो गये थे, हालांकि लालचंद राजपूत ने किसी तरह मामले को सुलझाने की कोशिश की, जिसका असर अब दिख रहा है।

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पाकिस्तान को पटखनी
जिम्बॉब्बे ने बुधवार को पाकिस्तान को 1 रन से हराकर टी-20 विश्वकप में अपनी बेहतरीन जीत दर्ज की, लालचंद राजपूत ने कहा कि मेरा सपना उन्हें ऑस्ट्रेलिया में टी-20 विश्वकप के लिये क्वालिफाई करते देखना था, ये सोने पर सुहागा है, मुझे अपने लड़कों पर गर्व है। आपको बता दें कि 2007 टी-20 विश्वकप के समय लालचंद राजपूत भारत के कोच थे, तब टीम इंडिया ने विश्वकप जीत था, हालांकि राजपूत क्वालिफायर तक ही टीम के साथ थे, वो दिवाली के सनय परिवार के साथ रहना चाहते थे, इसलिये वापस भारत आ गये थे।

शानदार फॉर्म में सिकंदर रजा
स्टार बल्लेबाज सिकंदर रजा ने सिर्फ 2022 में ही 5 वनडे इंटरनेशनल शतक बनाये हैं, जबकि मौजूदा सत्र से पहले 50 ओवरों के प्रारुप में उनका एक मात्र शतक 2015 में बना था, बुधवार को रजा ने अपनी ऑफ स्पिन से 3 विकेट हासिल किये, sikander1 जिससे मैच का रुख बदल गया, लालचंद राजपूत ने कहा कि सिकंदर एक भावुक लड़का है, वो देर से 36 साल की उम्र में निखर रहा है, मुझे याद है कि कुछ साल पहले जब मैंने पद संभाला था, तो उससे पूछा था कि तूने कितने मैच जिम्बॉब्बे को जिताये हैं, उन्होने कहा उसने लंबे समय से शतक नहीं बनाया है, वो 40 के आस-पास रन और कभी-कभी अर्धशतक बना रहा था, जिससे टीम में उसकी जगह सुरक्षित रही, लालचंद ने बताया कि मैंने उससे कहा कि अगर आप सीनियर्स आगे नहीं बढोगे, मैच के लिये अधिक जिम्मेदारी नहीं लेंगे, तो जिम्बॉब्बे के लिये खेलने का कोई मतलब नहीं है, उन्होने कहा कि अगर टीम को हारना है, तो मैं युवाओं को चुनना ज्यादा पसंद करूंगा, परिणामों के बारे में नहीं सोचूंगा, इसने काम किया, उनकी मानसिकता बदल गई।