दक्षिण अफ्रीका से हार कर भी टीम इंडिया के लिये विश्वकप पक्का, अजब संयोग, फैंस होंगे बेहद खुश

इस हार से भारतीय फैंस भले ही निराश हों, लेकिन इस पराजय में ऐसी चीज छिपी हुई है, जो 15 सालों का इंतजार खत्म कर सकती है।

New Delhi, Oct 31 : टी-20 विश्वकप 2022 में टीम इंडिया को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा, इस मैच में टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवरों में 133 रन बनाये थे, जवाब में अफ्रीकी टीम ने 2 गेंद पहले ही लक्ष्य हासिल कर लिया, भारतीय टीम की मौजूदा टी-20 विश्वकप में पहली हार है।

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फैंस निराश ना हों
इस हार से भारतीय फैंस भले ही निराश हों, लेकिन इस पराजय में ऐसी चीज छिपी हुई है, जो 15 सालों का इंतजार खत्म कर सकती है, कहने का मतलब ये है कि टीम इंडिया 2007 के बाद दूसरी बार टी-20 विश्वकप पर कब्जा कर सकती है, दरअसल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ इस हार ने 2011 के वनडे विश्वकप की कहानी को रिपीट किया है, जहां धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया चैंपियन बनी थी।

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2011 विश्वकप में भी अफ्रीका ने भारत को हराया था
आपको बता दें कि 2011 के विश्वकप में दक्षिण अफ्रीका ने भारत के खिलाफ जीत हासिल की थी, उसके बाद भारत एक भी मैच नहीं हारा था, उस 50 ओवर के विश्वकप में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 297 रनों का लक्ष्य दिया था, team india (1) जिसे अफ्रीकी टीम 2 गेंद पहले ही हासिल कर लिया था, इस बार भी 2 गेंद पहले ही जीत हासिल कर ली, यानी 2011 जैसा संयोग फिर दिख रहा है।

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आयरलैंड ने तब भी इंग्लैंड को हराया था
इतना ही नहीं 2011 के विश्वकप में भी इंग्लैंड को आयरलैंड की टीम ने हराया था, इस बार के टी-20 विश्वकप में आयरलैंड ने इंग्लैंड को डकवर्थ लुईस नियम के तहत 5 रनों से हराया था, 2011 के उस विश्वकप में बंगलुरु में आयोजित मैच में इंग्लैंड ने 8 विकेट पर 327 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया था, जवाब में आयरलैंड ने 3 विकेट से मैच जीत लिया, केविन ओ ब्रायन ने आयरलैंड के लिये 63 गेंदों में 113 रनों की रिकॉर्डतोड़ पारी खेली थी।

प्रैक्टिस मैच
2022 टी-20 विश्वकप से पहले आधिकारिक रुप से टीम इंडिया के दो प्रैक्टिस मैच निर्धारित थे, पहला मेजबान ऑस्ट्रेलिया तथा दूसरा न्यूजीलैंड से, 2011 विश्वकप में भी ठीक ऐसा ही था, जहां भारत ने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से प्रैक्टिस मैच खेला, Team India (2) खास बात ये है कि नीदरलैंड तथा बांग्लादेश की टीम 2011 के विश्वकप में भारत के ही ग्रुप में थी, इन सभी संयोगों से ऐसा लग रहा है कि टीम इंडिया इस विश्वकप को जीत सकती है, भले ही प्रारुप अलग-अलग हो।