कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर मिलता है 100 अश्वमेध यज्ञ का फल, जानिये शुभ मुहूर्त और समय

मान्यता के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा के दिन किये गये स्नान से भगवान विष्णु की कृपा से सौभाग्य की प्राप्ति होती है, कार्तिक पूर्णिमा पर किये गये स्नान से सौ अश्वमेध यत्र के बराबर फल मिलता है।

New Delhi, Nov 03 : हिंदू पांचांग के मुताबिक कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिणा तिथि को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है, धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान शिव ने असुर त्रिपुरासुर का वध किया था, इसलिये इसे त्रिपुरी या त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, इसी उपलक्ष्य में इस दिन देव दीपावली का त्योहार भी मनाया जाता है, एक कथा के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान श्री हरि विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण किया था, यही कारण है कि हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का अधिक महत्व होता है, कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान, दान, पूजा तथा व्रत का भी खास महत्व होता है।

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खास महत्व
मान्यता के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा के दिन किये गये स्नान से भगवान विष्णु की कृपा से सौभाग्य की प्राप्ति होती है, कार्तिक पूर्णिमा पर किये गये स्नान से सौ अश्वमेध यत्र के बराबर फल मिलता है, कार्तिक पूर्णिमा पर इसी वजह से स्नान का खास महत्व है।

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कार्तिक पूर्णिमा तिथि और स्नान मुहूर्त
कार्तिक पूर्णिमा आरंभ- 7 नवंबर 2022 शाम 4.15 से
कार्तिक पूर्णिमा समाप्त 8 नवंबर 2022 शाम 4.31 तक
उदयातिथि के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा का व्रत तथा स्नान 8 नवंबर को मान्य होगा।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले तथा ब्रह्म मुहूर्त से स्नान करने का महत्व है, 8 नवंबर को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4.57 से सुबह 5.49 बजे तक होगी।

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इन बातों का रखें ध्यान
कार्तिक महीने के दिन पवित्र नदी में ही स्नान करें, यदि नदी स्नान किसी कारणवश संभव ना हो, तो नहाने के पानी में गंगाजल मिला कर स्नान करें
इस दिन स्नान करते समय सभी तीर्थों का ध्यान करना चाहिये।
स्नान करने के बाद सबसे पहले सूर्यदेव को अर्ध्य दें।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक करें, ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
स्नान के बाद गरीब तथा जरुरतमंदों में फल, अन्न और वस्त्र का दान करें।

(डिस्क्लेमर- यहां दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित है, हम इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करते हैं।)