देश के नये CJI डीवाई चंद्रचूड़ का जीवन परिचय, बड़े फैसले देने वाले बेंच का हिस्सा, पिता भी रह चुके हैं जज

11 नवंबर 1959 को पैदा हुए जस्टिस चंद्रचूड़ 2016 में सुप्रीम कोर्ट के जज के रुप में पदोन्नत हुए थे, जस्टिस चंद्रचूड़ कई संविधान बेंचों के साथ ऐतिहासिक फैसले देने वाली बेंचों का हिस्सा रहे हैं।

New Delhi, Nov 09 : सुप्रीम कोर्ट के जज धनंजय वाई चंद्रचूड़ ने आज सीजेआई पद की शपथ ले ली, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में देश के 50वें सीजेआई के तौर पर उन्हें शपथ दिलाई है, जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता करीब 7 साल 4 महीने तक सीजेआई रहे, ये सर्वोच्च न्यायालय के इतिहास में किसी भी सीजेआई का सबसे लंबा कार्यकाल था, वो 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक सीजेआई रहे थे।

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2 साल रहेंगे सीजेआई
जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 तक करीब 2 साल के लिये इस पद पर रहेंगे,  सुप्रीम कोर्ट में 65 साल की उम्र में रिटायरमेंट होता है, वो मौजूदा सीजेआई यूयू ललित का स्थान लेंगे, जिन्होने 11 अक्टूबर को उन्हें अपना उत्तराधिकारी बनाये जाने की सिफारिश की थी।

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ऐतिहासिक फैसला देने वाले बेंचों का हिस्सा
11 नवंबर 1959 को पैदा हुए जस्टिस चंद्रचूड़ 2016 में सुप्रीम कोर्ट के जज के रुप में पदोन्नत हुए थे, जस्टिस चंद्रचूड़ कई संविधान बेंचों के साथ ऐतिहासिक फैसले देने वाली बेंचों का हिस्सा रहे हैं, जिसमें अयोध्या जमीन विवाद, supreme court आईपीसी की धारा 377 के तहत समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने, आधार योजना की वैधता से जुड़े मामले, सबरीमाला मुद्दा, सेना में महिला अधिकारियों को स्थानीय कमीशन देने, भारतीय नौसेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने जैसे फैसले शामिल हैं।

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बाम्बे हाईकोर्ट में जज
जस्टिस चंद्रचूड़ 29 मार्च 2000 से 31 अक्टूबर 2013 तक बाम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस थे, उनके बाद उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट का मुख्य न्यायधीश नियुक्त किया गया था, जस्टिस चंद्रचूड़ को जून 1998 में बाम्बे हाईकोर्ट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनोनीत किया गया था, वो उसी साल अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किये गये, दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए करने के बाद उन्होने कैंपस लॉ सेंटर डीयू से एलएलबी किया है, उन्होने अमेरिका के हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएलएम तथा डाक्टरेट की डिग्री हासिल की है।