अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहा चीन, मुंह की खाने के बाद अब कर रहा प्रोपेगेंडा

मंगलवार को प्रेस ब्रीफिंग में चीनी मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि फिलहाल स्थिति स्थिर है, दोनों पक्षों के बीच जो समझौते हुए हैं, उनका भारत को पालन करना चाहिये।

New Delhi, Dec 14 : अरुणाचल प्रदेश के तवांग में शुक्रवार को भारत तथा चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई, जिसमें ड्रैगन को मुंहतोड़ जवाब मिला, गलवान के बाद तवांग में भी उसका ये हाल होगा, ऐसा उसने नहीं सोचा होगा, अब चीन पुराने पैंतरे पर उतर आया है, चोरी करने के बाद अब चीन सीनाजोरी कर रहा है, अपनी गलती मानने की जगह सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में ड्रैगन ने भारत पर ही ठीकरा फोड़ दिया है, ग्लोबल टाइम्स के लेख में चीन की ओर से भर-भरकर झूठ परोसा गया है।

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चीनी सैनिकों का रास्ता रोका
चीन ने कहा है कि पीएलए नियमित पेट्रोलिंग पर थी, भारतीय सैनिकों ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पार की, चीनी सैनिकों का रास्ता रोका, दुनियाभर में विस्तारवाद के लिये बदनाम चीन को जब मुंह की खानी पड़ी, तो उसने भारत को ही ज्ञान देना शुरु कर दिया है, चीन ने भारत से अग्रिम पंक्ति के जवानों पर लगाम लगाने तथा सीमा पर शांति बनाये रखने के लिये मिलकर काम करने का आग्रह किया है, चीन की वेस्टर्स थिएटर कमांड के प्रवक्ता सीनियर कर्नल लांग शाहोहुआ ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच डिसएंगेजमेंट हो गया, पीएलए पेशेवर, मानक तथा शक्तिशाली तरीकों के साथ स्थिति से निपटी, उसे स्थिर किया।

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फिलहाल स्थिति स्थिर
इससे पहले मंगलवार को प्रेस ब्रीफिंग में चीनी मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि फिलहाल स्थिति स्थिर है, दोनों पक्षों के बीच जो समझौते हुए हैं, उनका भारत को पालन करना चाहिये, उन्होने कहा कि दोनों ही पक्षों ने बातचीत के लिये सैन्य तथा कूटनीतिक चैनल खोले हुए हैं, ताकि सीमा से जुड़े मुद्दों को हल किया जा सके।

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सीमा पर झड़प
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के तीसरी बार 5 साल के कार्यकाल के लिये चुने जाने के बाद सीमा पर पहली बड़ी घटना है, शुक्रवार की झड़प ऐसे समय हुई, जब दोनों देश मई 2020 में पैंगोंग झील इलाके में हिंसक झड़प के बाद शुरु हुए पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध के बाद से विभिन्न बिंदुओं पर इसे हल करने के लिये कमांडर स्तर की 16 दौर की बातचीत कर चुके, India China पिछले दौर की वार्ता सितंबर में हुई थी, जिसके दौरान दोनों पक्ष गोगरा-हॉट स्प्रिंग क्षेत्र के पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 से अपने सैनिकों को पीछे हटाने पर सहमत हुए थे, भारत लगातार ये कहता रहा, कि एलएसी पर अमन-चैन द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिये जरुरी है।

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