चीन में कोरोना से हाहाकार, कोविड-19 को फ्लू मान रहा ड्रैगन, आंकड़े छुपा रहा

चीन सरकार लोगों से ट्रेडिशनल चाइनीज मेडिसीन लियानहुआ किंगवेन खाने के लिये कह रही है, ये दवा वायरल इंफेक्शन के लिये इस्तेमाल होती है, इससे सवाल ये है कि क्या चीन कोरोना को फ्लू मान रहा है।

New Delhi, Dec 26 : चीन में कोरोना संक्रमण ने खूब तबाही मचा रखा है, यहां रोजाना लाखों लोग संक्रमित हो रहे हैं, जिसके कारण अस्पतालों में ना तो मरीजों के लिये बिस्तर बचे हैं और ना ही दवाइयां, महामारी विशेषज्ञों तथा डॉक्टरों ने चीन में 5 से 25 दिसंबर के बीच 10 करोड़ लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने तथा करीब 10 लाख मौतें होने का अनुमान लगाया है, दिल्ली सफदरजंग आअस्पताल में पल्मोनरी मेडिसीन विभाग के प्रमुख डॉ. नीरज कुमार गुप्ता ने कहा आंकड़ों के आंकलन से चीन में 10 करोड़ कोरोना संक्रमित होने की आशंका है, 5 लाख लोग अस्पतालों में भर्ती हो सकते हैं, तो वहीं 10 लाख लोगों की मौत हुई होगी, चीन अब उसी स्टेज पर है, जहां भारत दूसरे कोरोना लहर के दौरान था, लेकिन भारत अब इस संक्रमण से लड़ने में काफी अनुभवी है, भारत ने अब तक 3 लहरों का सामना किया है, पहली लहर साधारण थी, वहीं डेल्टा वेरिएंट की दूसरी लहर ज्यादा घातक रही, हालांकि ओमिक्रॉन वेरिएंट की तीसरी लहर गंभीर नहीं थी, लेकिन बहुत संक्रामक थी, वहीं चीन में बहुत लंबे समय तक सख्त लॉकडाउन की वजह से वहां के नागरिकों की इम्युनिटी सिस्टम कमजोर हो चुकी है, इसलिये वायरस का असर उन पर ज्यादा पड़ रहा है।

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सरकार की अपील
चीन सरकार लोगों से ट्रेडिशनल चाइनीज मेडिसीन लियानहुआ किंगवेन खाने के लिये कह रही है, ये दवा वायरल इंफेक्शन के लिये इस्तेमाल होती है, इससे सवाल ये है कि क्या चीन कोरोना को फ्लू मान रहा है, ब्रूफिन और पैरासिटामोल जैसी आम दवाएं बाजार में नहीं मिल रही है, चीन में ओमिक्रॉन का नया वेरिएंट बीएफ.7 फैल रहा है, Coronavirus स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ये ओमिक्रॉन का सबसे शक्तिशाली वेरिएंट है, कोरोना के स्पाइक प्रोटीन में अक खास म्यूटेशन से बना है, जिसका नाम आर346टी है, एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसी म्यूटेशन की वजह से इस वेरिएंट पर एंटीबॉडी असर नहीं हो रहा, आसान भाषा में कहें, तो अगर किसी शख्स को पहले कोरोना हो चुका है, या उसने वैक्सीन लगवाई, तो उसके शरीर में एंटीबॉडी बन जाती है, लेकिन बीएफ.7 वेरिएंट इस एंटीबॉडी को भी चकमा देकर शरीर में प्रवेश करने में सक्षम है।

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वैक्सीन असरहीन
चीन की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन तो इस वेरिएंट के खिलाफ बिल्कुल असरहीन साबित हो रही है, लेकिन बीएफ.7 सभी कोरोना वैक्सीन को बाईपास कर रहा, ऐसा नहीं कहा जा सकता, भारत इसका उदाहरण है, चीन से जो तस्वीरें तथा वीडियोज सामने आ रहे हैं, वो बेहद डराने वाले हैं, चीन सरकार तो कोरोना के नियंत्रण में होने का दावा कर रही है, corona (4) लेकिन वास्तविकता से इसका दूर-दूर तक नाता नहीं है, ब्लूमबर्ग न्यूज, सीएनएन, एपी, रॉयटर्स, एएफपी जैसी अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसियां चीन में संक्रमण की स्थिति भयावह होने का दावा कर रही है, अस्पतालों में लाशों के अंबार हैं, सड़कों पर लोगों का इलाज हो रहा है, शवदाह गृहों के बाहर लंबी कतारें है, लोगों को अपनों के दाह संस्कार के लिये तीन दिन तक का इंतजार करना पड़ रहा है।

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आंकड़े छिपा रहा चीन
चीन कोरोना मामलों में इजाफा होने के कारण उसके आंकड़े छिपाने की कोशिश कर रहा है, वहां के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि वो डेली कोविड डेटा जारी नहीं करेगा, एनएचसी ने बयान में कहा है कि corona प्रासंगिक कोविड-19 जानकारी तथा अनुसंधान के लिये चीनी रोग नियंत्रण तथा रोकथाम केन्द्र कोरोना आंकड़ों को प्रकाशित नहीं करेगा, हालांकि उसने ये नहीं बताया कि एकाएक लिये गये इस फैसले के पीछे क्या कारण है, एनएफसी के लीक हुए दस्तावेजों के कारण चीन में पिछले 20 दिन में 25 करोड़ लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं, जो वहां की आबादी का 18 फीसदी है, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग की एक मीटिंग में संक्रमण से संबंधित ये आंकड़े जारी किये गये थे, जिसकी कॉपी चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सर्कुलेट हो रही थी, इस रिपोर्ट के अनुसार चीन के स्वास्थ्य प्राधिकरण ने आशंका जताई है कि कोरोना इसी हफ्ते अपने चरम पर होगा, 1 दिन में करीब 35 मिलियन से ज्यादा लोग संक्रमित होंगे।