इस बिजनेसमैन का 5 साल में बेड़ागर्क, 42 अरब डॉलर से संपत्ति 3 तक पहुंची, सबसे बड़े कर्जदार
ब्लूमबर्ग द्वारा जारी बिलेनियर इंडेक्स में इस बात का खुलासा हुआ है कि इस समय हुई का यान पर 300 अरब डॉलर का कर्ज है, जो उन्हें चुकाना है, वो चीन के सबसे बड़े कर्जदार हैं।
New Delhi, Jan 23 : पिछले दो सालों में दुनिया भर के देशों तथा वहां के लोगों के लिये भारी संकट वाले रहे हैं, कुछ कारोबारी भी कोरोना महामारी से होने वाली तबाही के शिकार हुए हैं, जिसमें चीन के लोगों की संख्या ज्यादा बताई जाती है, इसी में एक नाम हुई का यान का है, जो चीन के सबसे धनी तथा प्रभावशाली कारोबारियों में गिने जाते थे, अब उनकी संपत्ति 93 फीसदी तक घट गई है।
अर्श से फर्श तक
चीन की रियल एस्टेट कंपनी एवरग्रैंड समूह के चेयरमैन हुई का यान 5 साल पहले 42 अरब डॉलर की संपत्ति के मालिक थे, ये वो समय था, जब वो एशिय के दूसरे सबसे अमीर शख्स हुआ करते थे, लेकिन आपने सुना होगा कि हालात बदलते देर नहीं लगती, उनके दिन ऐसे फिरे कि अब वो कंगाल हो चुकी हैं, उनकी संपत्ति 42 अरब डॉलर से घटकर सिर्फ 3 अरब डॉलर रह गई है।
300 अरब डॉलर का कर्ज
ब्लूमबर्ग द्वारा जारी बिलेनियर इंडेक्स में इस बात का खुलासा हुआ है कि इस समय हुई का यान पर 300 अरब डॉलर का कर्ज है, जो उन्हें चुकाना है, वो चीन के सबसे बड़े कर्जदार हैं, हालांकि ऐसा नहीं है कि हुई ने कर्ज चुकाने के लिये कोई कोशिश नहीं की, बल्कि उन्होने इसके लिये अपनी प्राइवेट संपत्ति भी बेच दी, उन्होने अपना घर, प्राइवेट जेट्स बेचे, लेकिन फिर भी कर्ज खत्म नहीं हो सका।
एवरग्रैंड में 2 लाख लोग करते हैं काम
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार हुई की यान की कंपनी में करीब 2 लाख कर्मचारी काम करते हैं, साल 2020 में कंपनी ने 110 अरब डॉलर से ज्यादा की सेल्स की थी, इस कंपनी के 280 से ज्यादा शहरों में 1300 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स हैं, रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी पिछले साल चुकाये जाने वाले कर्ज के पैसे को देने में विफल रही, जिसके बाद कंपनी गर्त में जाने लगी। अपनी संपत्ति में आई गिरावट को झेलने के साथ-साथ हुई को चीन में राजनीतिक रुप से अभी अलग-थलग होना पड़ा, 2008 से चीन के एलीट ग्रुप चीनी पीपुल्स पॉलिटिकल कंसल्टेटिव कांफेंस का हिस्सा रहे हैं, लेकिन पिछले साल हुए वार्षिक सम्मेलन में उन्हें शामिल नहीं किया गया, इतना ही नहीं उन्हें अब उन व्यक्तियों की नवीनतम सूची से भी बाहर कर दिया गया है, जो अगले पांच सालों के लिये सीपीपीसीसी का गठन करेंगे।