पार्श्वी चोपड़ा- इस 16 वर्षीय स्पिनर ने पहले प्यार की दी कुर्बानी, फिर विश्वकप में रचा इतिहास

पार्श्वी ने विश्वकप में श्रीलंका के खिलाफ मुकाबले में जबरदस्त गेंदबाजी करते हुए 4 ओवरों में सिर्फ 5 रन देकर 4 विकेट हासिल किये थे, न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में भी उन्होने 4 ओवर में 20 रन देकर 3 विकेट हासिल किये।

New Delhi, Jan 30 : अंडर-19 टी-20 महिला विश्वकप में टीम इंडिया की स्टार स्पिनर बनकर उभरी पार्श्वी चोपड़ा ने टूर्नामेंट के 6 मैचों में कुल 11 विकेट हासिल किये, फाइनल मुकाबले में उन्होने इंग्लैंड के दो बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया, विश्वकप में उनकी घूमती गेंदों ने बल्लेबाजों को खूब परेशान किया, दरअसल 16 साल की ये स्पिनर कभी स्केटिंग की दीवानी थी, जूनून इस हद तक था कि पार्श्वी स्केटिंग को अपना पहला प्यार कहती थीं।

Advertisement

ऐतिहासिक जीत
अंडर-19 विश्वकप महिला टीम की ऐतिहासिक जीत पर देश भर में जश्न का माहौल है, बुलंदशहर के सिकंदराबाद में भी खूब खुशियां मनाई जा रही है, पार्श्वी यहीं की रहने वाली है, लेग ब्रेक गेंदबाज के पिता गौरव चोपड़ा के अनुसार पार्श्वी बचपन से ही क्रिकेट मैच खेलती थी, हालांकि उसे स्केटिंग करने का जूनून था, वो उस खेल में अच्छा भी कर रही थी, लेकिन फिर उनका मन स्केटिंग से हटकर क्रिकेट में रम गया, अब यही खेल उनकी जिंदगी बन चुका है।

Advertisement

घर वालों ने दिया साथ
पिता गौरव के मुताबिक हमने पार्श्वी को कोई कमी नहीं होने दी, उसने दो क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन की, ताकि रोजाना ज्यादा से ज्यादा सीखने को मिले, एक एकेडमी हफ्ते में 3 से 4 दिन ही चलती है, उन्होने बताया कि पार्श्वी ने कामयाबी की पहली सीढी चढ ली है, सफर लंबा है, सीखने की उम्र कभी खत्म नहीं होती है।

Advertisement

4 ओवर, 5 रन, 4 विकेट
पार्श्वी ने विश्वकप में श्रीलंका के खिलाफ मुकाबले में जबरदस्त गेंदबाजी करते हुए 4 ओवरों में सिर्फ 5 रन देकर 4 विकेट हासिल किये थे, न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में भी उन्होने 4 ओवर में 20 रन देकर 3 विकेट हासिल किये, पार्श्वी की मां शीतल चोपड़ा के अनुसार जब 10 साल की थी, तब से खेल पर मेहनत कर रही है, 12 की उम्र में उसने अपना ट्रायल दिया, लेकिन चयन नहीं हुआ, हालांकि जुनून से फिर सफलता हासिल कर ही ली।