मुगरी से विश्वकप विनिंग शॉट तक, सौम्या तिवारी को कोच ने कर दिया था ट्रेनिंग देने से मना

सौम्या तिवारी की क्रिकेटर बनने की कहानी काफी दिलचस्प है, बचपन में सौम्या को उनके कोच सुरेश चैनानी ने ट्रेनिंग देने से मना कर दिया था।

New Delhi, Jan 30 : टीम इंडिया ने इंग्लैंड को हराकर महिला अंडर-19 विश्वकप जीतकर इतिहास रच दिया है, महिला क्रिकेट में भारत ने पहली बार कोई वैश्विक खिताब अपने नाम किया है, इस ऐतिहासिक जीत का शॉट भोपाल की सौम्या तिवारी ने लगाया, भारतीय महिला अंडर-19 टीम की उपकप्तान ने हाईवोल्टेज मुकाबले में 37 गेंदों में 24 रनों की पारी खेली।

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कोच ने ट्रेनिंग देने से किया था इंकार
सौम्या तिवारी की क्रिकेटर बनने की कहानी काफी दिलचस्प है, बचपन में सौम्या को उनके कोच सुरेश चैनानी ने ट्रेनिंग देने से मना कर दिया था, कुछ लड़कियों ने एकेडमी से नाम वापस ले लिया था, इसी वजह से वो उन्हें ट्रेनिंग नहीं देते थे, बाद में उन्होने ट्रेनिंग शुरु किया, तो सौम्या को ऑफ स्पिनर बनाना चाहते थे।

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मुगरी का बल्ला और कागज की गेंद
इसके बाद सौम्या तिवारी ने 2015-16 में मुगरी (घरों में कपड़े धोने के लिये इस्तेमाल की जाने वाली बैटनुमा लकड़ी) और कागज की गेंद से खेलना शुरु किया, सौम्या तिवारी के पिता ने इसके बारे में बताते हुए कहा कि सौम्या बचपन में टीवी पर क्रिकेट देखा करती थी, अकसर मेरी पत्नी भारती से कपड़े धोने के लिये इस्तेमाल की जाने वाली मुगरी ले लेती थी, मेरी बड़ी बेटी साक्षी को कागज के गेंद बनाने और लिविंग रुम में खेलने में के लिये कहती थी, वो यहां मुहल्ला क्रिकेट खेलती थी, कभी-कभी शिकायत करती, कि लड़के उसे अपनी टीमों में शामिल नहीं करते हैं।

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कैसे मिली क्लब में एंट्री
सौम्या तिवारी के पिता ने बताया बाद में जब हम न्यू भोपाल शिफ्ट हुए, तो मैं उसे ट्रेनिंग के लिये सुरेश चैनानी के पास ले गया, पहले दिन उन्होने ट्रेनिंग देने से मना कर दिया, क्योंकि वो एकेडमी में लड़कियों को ट्रेनिंग नहीं देते थे, सौम्या 2 दिनों तक रोती रही, उसे फिर लेकर एकेडमी गये और सर से ट्रेनिंग देने का आग्रह किया, वो तैयार हो गये, फिर एक इंटर क्लब मैच में उसे मैदान में उतारा, समय के साथ उसका आत्मविश्वास बढता गया, जब भी मैं शहर से बाहर जाता था, तो मुझसे हेलमेट और दस्ताने लाने के लिये कहती थी।

ऑफ स्पिनर से बल्लेबाज बनने का सफर
फाइनल से पहले सौम्या तिवारी ने सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ 22 रनों की पारी समेत कुल 82 रन बनाये थे,  टूर्नामेंट में 3 विकेट भी लिये, चैनानी के मुताबिक वो उन्हें ऑफ स्पिनर बनाना चाहते थे, लेकिन वो बल्लेबाजी में भी अच्छा कर रही थी, जिसके बाद उन्होने बल्लेबाजी पर और फोकस करने को कहा, वो बल्लेबाज बन गई।