जडेजा नहीं बल्कि ये खिलाड़ी था मैन ऑफ द मैच का असल दावेदार, सरेआम हो गई नाइंसाफी
टीम इंडिया के इस युवा खिलाड़ी के साथ सरेआम नाइंसाफी हो गई, भारत को अपने दम पर जीत दिलाने वाले इस स्टार खिलाड़ी को मैन ऑफ द मैच नहीं चुना गया।
New Delhi, Feb 20 : टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को दिल्ली में खेले गये सीरीज के दूसरे टेस्ट मुकाबले में 6 विकेट से मात देकर 4 मैचों की सीरीज में 2-0 से बढत बना ली है, 4 मैचों की इस सीरीज में अब टीम इंडिया को हराना नामुमकिन है, इंदौर में 1 मार्च से तीसरा टेस्ट मैच खेला जाना है, भारत इसके बाद 7 जून से शुरु होने वाले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के लिये भी क्वालिफाई कर लेगा।
ये खिलाड़ी था मैन ऑफ द मैच का दावेदार
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस टेस्ट मैच में बल्ले से 26 रन बनाने के अलावा 10 विकेट हासिल करने वाले रविन्द्र जडेजा को मैन ऑफ द मैच चुना गया, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी, कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिल्ली में खेले गेये दूसरे टेस्ट मैच में जडेजा नहीं बल्कि टीम इंडिया का दूसरा खिलाड़ी मैन ऑफ द मैच का असली हकदार था, लेकिन रविन्द्र जडेजा के जलवे के सामने उस खिलाड़ी का प्रदर्शन फीका पड़ गया, अगर वो खिलाड़ी ना होता, तो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिल्ली टेस्ट में टीम इंडिया की जीत आसान नहीं थी।
सरेआम नाइंसाफी
टीम इंडिया के इस युवा खिलाड़ी के साथ सरेआम नाइंसाफी हो गई, भारत को अपने दम पर जीत दिलाने वाले इस स्टार खिलाड़ी को मैन ऑफ द मैच नहीं चुना गया, टीम का ये धाकड़ खिलाड़ी और कोई नहीं बल्कि ऑलराउंडर अक्षर पटेल है, अक्षर ने पहली पारी में 74 रन बनाये, अश्विन के साथ आठवें विकेट के लिये 114 रनों की साझेदारी नहीं करते, तो कंगारु टीम दिल्ली टेस्ट में मेजबान की हालत खराब कर देती।
टीम को बचाया
पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 263 रनों के स्कोर के जवाब में एक समय टीम इंडिया के 139 रनों पर सात विकेट गिर चुके थे, ऑस्ट्रेलिया यहां से टीम इंडिया को 160 रनों पर ऑलआउट करके 100 से ज्यादा रनों की बढत आराम से ले सकता था, लेकिन आठवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिये उतरे अक्षर पटेल ने 74 रनों की पारी खेली, साथ ही अश्विन के साथ 114 रनों की साझेदारी की, जिससे टीम इंडिया ने मैच में वापसी कर ली, कंगारु टीम को पहली पारी में सिर्फ 1 रन की बढत मिली।
टीम को एकतरफा हार से बचा लिया
अक्षर पटेल अगर 74 रनों की पारी नहीं खेलते, तो ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 100 से ज्यादा रनों की बढत आराम से मिल जाती, कंगारु अगर चौथी पारी में भारत के सामने 250 रनों का लक्ष्य रख देता, तो टीम इंडिया की हालत पस्त हो जाती। टीम इंडिया को हार के जबड़े से खींचने का काम अक्षर पटेल ने 74 रनों की पारी खेलकर किया।