नोट छापने से 6 गुना महंगा है सिक्का ढालना, फिर भी क्यों RBI लगाता है दांव, जानिये कितना आता है खर्च?

सबसे पहले बात सबसे छोटे सिक्के यानी 1 रुपये की, आरबीआई ने आरटीआई में पूछे एक सवाल के जवाब में खुद बताया कि 1 रुपये का सिक्का बनाने की लागत उसके मूल्य से कहीं ज्यादा है।

New Delhi, Mar 23 : जेब में रखे नोट तथा सिक्कों को आप खूब खर्च करते हैं, लेकिन कभी सोचा है कि इसे छापने में कितना खर्च आता है, आरबीआई सिक्कों तथा नोट को छापने का काम करता है, उसी के दावों के अनुसार नोट की छपाई से कहीं ज्यादा खर्चा सिक्कों की ढलाई पर आता है, बावजूद इसके आरसीआई ताबड़तोड़ सिक्कों की ढलाई करता है, आखिर इसके पीछे क्या वजह है, इससे आम आदमी को क्या फायदा है, आइये इस बारे में जानते हैं।

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छोटे सिक्के
सबसे पहले बात सबसे छोटे सिक्के यानी 1 रुपये की, आरबीआई ने आरटीआई में पूछे एक सवाल के जवाब में खुद बताया कि 1 रुपये का सिक्का बनाने की लागत उसके मूल्य से कहीं ज्यादा है। 2 RS Coin exchange 1 रुपये का सिक्का ढालने में करीब 1.1 रुपये का खर्च आता है, जबकि 2 रुपये का सिक्का ढालने में 1.28 रुपये का खर्च पड़ता है, इसी तरह 5 रुपये का सिक्का 3.69 रुपये में ढाला जाता है, तो 10 रुपये का सिक्का बनाने में 5.54 रुपये लगते हैं।

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दोनों की तुलना करें तो
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 में आरबीआई को 10 रुपये के 1 हजार नोट छापने पर 960 रुपये खर्च करने पड़े थे, इस हिसाब से देखा जाए, rupees तो एक नोट की छपाई का खर्च 96 पैसे आया, वहीं 10 रुपये का एक सिक्का ढालने में 5.54 रुपये का खर्च आता है, यानी नोट के मुकाबले सिक्के का खर्च करीब 6 गुना ज्यादा है।

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फिर भी क्यों सिक्के ढालता है आरबीआई
सिक्का तथा नोट दोनों की छपाई का खर्च देखकर तो लगता होगा, कि सिक्का बनाना तो घाटे का सौदा है, लेकिन फिर भी आरबीआई क्यों हर साल करोड़ों सिक्के बनाता है, दरअसल खर्च ज्यादा होने के बावजूद सिक्के ढालना नोट बनाने से कई मायनों में फायदेमंद है, सबसे बड़ी बात ये है कि नोट छापने में कई तरह के सिक्योरिटी फीचर्स का इस्तेमाल करना पड़ता है, कागज के नोट के सुरक्षित बनाने के लिये 15 से 17 तरह के सिक्योरिटी फीचर्स का इस्तेमाल करना पड़ता है, इतना ही नहीं कागज के नोट की लाइफ भी कम होती है, इसके मुकाबले सिक्के सालों-साल चलते हैं, एक समय ऐसा आता है, जब नोट सिक्के के मुकाबले महंगे लगने लगते हैं।

बड़े नोट के सिक्के नहीं
अगर समय के साथ सिक्के ढालना नोट छापने से सस्ता दिखने लगता है, तो आरबीआई बड़े नोटों के सिक्के क्यों नहीं ढालता, इसका जवाब भी आरबीआई की ओर से जारी एक रिपोर्ट में ही मिल जाता है। दरअसल नोट जितनी बड़ी होती जाती है, उसे छापने का खर्च घटता जाता है, आरबीआई के मुताबिक 20 रुपये का एक नोट छापने में 95 पैसे का खर्च आता है, जबकि 50 रुपये का एक नोट 1.13 रुपये का पड़ता है, 100 रुपये का नोट 1.77 रुपये, 200 का नोट 2.37 रुपये और 500 का नोट 2.29 रुपये में छप जाता है, अगर इन नोट के सिक्के ढाले जाएं, तो ये काफी खर्चीला होने के साथ ही लोगों के लिये इस्तेमाल करना और रखना काफी मुश्किल होगा।