जेल से रिहा होकर राजनीतिक रंग में दिखे सिद्धू, भगवंत मान को कहा अखबारी सीएम
10 महीने की कैद के बाद नवजोत सिंह सिद्धू शनिवार को पटियाला जेल से रिहा हो गये हैं, जेल में उनके अच्छे आचरण के कारण उन्हें उनकी निर्धारित रिहाई से कुछ हफ्ते पहले रिहा कर दिया गया।
New Delhi, Apr 02 : जेल से बाहर निकलकर एक बार फिर से नवजोत सिंह सिद्धू ने सरकार और बीजेपी पर तंज कसा है, सिद्धू ने कहा कि वो परीक्षा के समय में राहुल और प्रियंका गांधी के साथ एक दीवार की तरह खड़े रहेंगे, दूसरा उन्होने पंजाब के सीएम भगवंत मान के खिलाफ मोर्चा खोला, उनकी सरकार के वादों पर सवाल खड़े करते हुए उन्हें अखबारी सीएम बनाया, उन्होने कहा भगवंत मान मेरे छोटे भाई जैसे हैं, लेकिन ये अखबारी मुख्यमंत्री क्यों बने हुए हैं।
पटियाला जेल से रिहा
10 महीने की कैद के बाद नवजोत सिंह सिद्धू शनिवार को पटियाला जेल से रिहा हो गये हैं, जेल में उनके अच्छे आचरण के कारण उन्हें उनकी निर्धारित रिहाई से कुछ हफ्ते पहले रिहा कर दिया गया, हालांकि उनकी जल्द रिहाई की फाइल को एक बार पंजाब सरकार ने खारिज कर दिया था, आइये जानते हैं कि वो दस बातें जो जेल से निकलकर उन्होने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कही।
सिद्धू ने कहा लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं रह गई है, लोकतंत्र बेड़ियों में है।
पंजाब देश की ढाल है, लेकिन उस ढाल को नुकसान पहुंचाने की कोशिश हो रही है, पंजाब को कमजोर करोगे, तो तुम भी कमजोर हो जाओगे।
पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश रची जा रही है, क्योंकि पंजाब में अल्पसंख्यक सिखों का शासन है।
जहां भी हिंदुत्व की विचारधारा काम नहीं करती है, वहां अल्पसंख्यक शासन करते हैं, वहां केन्द्र विभाजनकारी राजनीति में लिप्त हो जाता है।
केन्द्र राज्य में विभाजनकारी राजनीति का खेल कर रहा है, इस देश में तानाशाही का माहौल है।
राहुल गांधी अपने पूर्ववर्तियों से प्रेरणा लेकर लोकतंत्र को उसकी बेड़ियों से मुक्त करने की कोशिश कर रहे हैं, जब एक बाघ दहाड़ता है, तो उसकी गूंज पूरी दुनिया और अमेरिका तथा जर्मनी तक गूंजती है।
सभी एजेंसियां आज गुलाम है, वो रबर स्टैंप हैं, वो सिर्फ 4-6 लोगों के लिये काम करती है, मैं मौत से नहीं डरता, क्योंकि मैं जो कर रहा हूं, वो अपने परिवार के लिये नहीं बल्कि पंजाब की अगली पीढी के लिये कर रहा हूं।
मेरी रिहाई में शनिवार को जान-बूझकर देरी की गई, ताकि उनके समर्थक और मीडिया जेल के बाहर से लौट जाएं।
इस देश में तानाशाही का माहौल है, अंबेडकर के अखंड भारत के विचार को नष्ट किया जा रहा है।
बीएसएफ पंजाब के 30 किमी अंदर क्यों खड़ी है, बरगाड़ी बेअदबी मामले में केजरीवाल और भगवंत मान ने न्याय में देरी क्यों की, मान अखबार और विज्ञापनों में ही नजर आते हैं।