राहुल गांधी ने सांसदी वापस पाने के लिये इस पिता-पुत्री की जोड़ी पर किया भरोसा, ठुकरा चुके हैं जज बनने का ऑफर

सूरत के सेशन कोर्ट में राहुल गांधी की ओर से जो वकील केस लड़ रहे हैं, उनमें वरिष्ठ वकील आरएस चीमा, वकील तरन्नुम चीमा और किरीट पनवल शामिल हैं।

New Delhi, Apr 04 : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सूरत के सेशन कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा को चुनौती देते हुए याचिका दायक की है, कुछ दिन पहले ही आपराधिक अवमानना से जुड़े मामले में सूरत के सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी, राहुल गांधी को ये सजा मोदी सरनेम से जुड़ी टिप्पणी के मामले में हुई थी।

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बाप-बेटी की जोड़ी लड़ रही राहुल का मुकदमा
सूरत के सेशन कोर्ट में राहुल गांधी की ओर से जो वकील केस लड़ रहे हैं, उनमें वरिष्ठ वकील आरएस चीमा, वकील तरन्नुम चीमा और किरीट पनवल शामिल हैं, बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के अनुसार दिग्गज एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी टीम इस टीम की स्ट्रैटेजिक एडवाइजर के तौर पर मदद कर रहे हैं।

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जज का ऑफर ठुकरा चुके हैं चीमा
राहुल गांधी की ओर से पेश वकीलों की अगुवाई कर रहे आरएस चीमा की गिनती देश के टॉप क्रिमिनल लॉयर्स में होती है, पंजाब तथा दिल्ली में प्रैक्टिस करने वाले चीमा 1977 से वकालत कर रहे हैं, कोलगेट स्कैम से लेकर सिख दंगों से जुड़े केस लड़ चुके हैं, चीमा सीबीआई के लिये भी तमाम हाई प्रोफाइल मुकदमे लड़ चुके हैं। आरएस चीमा दिल्ली हाई कोर्ट में सीबीआई की ओर से बतौर स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर पेश हुए थे, सज्जन कुमार को बरी करने के फैसले को पलटवा दिया था, उन्होने और चर्चित कोलगेट घोटाले में कई आरोपियों को सजा दिलवाई थी। चीमा इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर रह चुके हैं, इसके अलावा पंजाब सरकार के एडवोकेट जनरल भी रहे हैं, वो इस पद पर 2 साल रहे, चीमा को जज बनने का ऑफर मिला था, लेकिन उन्होने ऑफर ठुकरा दिया था। ये कोई पहला मौका नहीं है, जब आरएस चीमा राहुल गांधी के लिये केस लड़ रहे हैं, इससे पहले वो नेशनल हेराल्ड केस में राहुल और सोनिया गांधी के लिये मुकदमा लड़ चुके हैं, बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी को क्रॉस एग्जामिन किया था, स्वामी ही इस केस के शिकायतकर्ता हैं।

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कौन हैं तरन्नुम चीमा
राहुल गांधी की दूसरी वकील तरन्नुम चीमा है, जो आरएस चीमा की बेटी हैं, बाप-बेटी को जोड़ी क्रिमिनल केसेज के लिये बेहद मशहूर है, तरन्नुम पिछले एक दशक से ज्यादा समय से वकालत कर रही है, चीमा तथा तरन्नुम की बाप-बेटी की जोड़ी 2जी ट्रायल में डिफेंस टीम का हिस्सा थी, तरन्नुम चीमा ने 1984 के सिख दंगे और कोलगेट मामले में अपने पिता की मदद की थी।