पुलिस वाले की बेटी कैसे बनी मोस्ट वांटेड, अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन की कैसे हुई जुर्म की दुनिया में एंट्री?
शाइस्ता परवीन ने 12वीं तक की पढाई की है, इसके बाद घर के कामों में व्यस्त रही, 1996 में माफिया डॉन अतीक अहमद से शादी हुई, वो धीरे-धीरे उसके जुर्म के कारोबार में शामिल होने लगी।
New Delhi, Apr 20 : अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन यूपी पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में चल रही है, शाइस्ता पर वसूली से लेकर हत्या की साजिश रचने तक के आरोप हैं, पिछले कई दिनों से शाइस्ता फरार है, पुलिस ने उस पर 50 हजार का इनाम भी घोषित किया है, घर में रहने वाली शाइस्ता परवीन आज जुर्म की दुनिया का बड़ा नाम है, आइये जानते हैं कि कैसे मोस्ट वांटेड बनी शाइस्ता परवीन।
पुलिस वाले की बेटी
शाइस्ता परवीन प्रयागराज के दामुपुर गांव की रहने वाली हैं, वो एक रिटायर्ड पुलिस कांस्टेबल मोहम्मद हारुन की बेटी है, शाइस्ता का पूरा बचपन पुलिस कॉलोनी में बीता है, उनका परिवार सरकारी पुलिस क्वार्टर में रहा करता था, शाइस्ता अपने बाई बहनों में सबसे बड़ी हैं, उसकी 4 बहनें और 4 भाई हैं। उसका एक भाई मदरसे का प्रिंसिपल है।
घर के काम संभालती थी
शाइस्ता परवीन ने 12वीं तक की पढाई की है, इसके बाद घर के कामों में व्यस्त रही, 1996 में माफिया डॉन अतीक अहमद से शादी हुई, वो धीरे-धीरे उसके जुर्म के कारोबार में शामिल होने लगी, जब अतीक जेल गया, तो पति का पूरा कारोबार संभालने लगी, शाइस्ता और अतीक के दो बेटे अली और उमर जेल में हैं, इसके अलावा एक बेटे असद की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो चुकी है।
हत्या की योजना में शामिल
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक प्रयागराज स्कूल के एक रिटायर्ड टीचर ने बताया कि शाइस्ता काफी शालीन स्वाभाव की थी, हर पैरेंट्स टीचर मीटिंग में शामिल होती थी, ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि 24 फरवरी को उमेश पाल केस में शाइस्ता कैसे शामिल हुई, पुलिस सूत्रों के मुताबिक वो गुजरात के साबरमती जेल में अपने पति से मिलने गई थी, जहां दोनों ने उमेश पाल की हत्या की योजना बनाई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक उमेश पाल की हत्या के सिलसिले में अतीक ने शाइस्ता से जेल में फोन तथा सिम कार्ड उपलब्ध कराने को कहा था, उसने शाइस्ता को उस पुलिस वाले का नाम भी बताया, जो जेल में फोन तथा सिम पहुंचाता, इसके अगले ही दिन अतीक को फोन भेजा गया, जिससे उसने शूटरों से बात करके अपराध की योजना बनाई, एक प्रॉपर्टी डीलर जीशान ने भी शाइस्ता पर वसूली के लिये फोन कर धमकाने का आरोप लगाया है, बिल्डर ने कहा कि शाइस्ता ने कई बार फोन करके धमकी दी थी, अतीक रंगदारी की मांग कर रहा था।
उमेश पाल केस के बाद फरार
उमेश पाल हत्या के बाद से शाइस्ता फरार है, यूपी पुलिस के एक डोजियर के अनुसार उसके खिलाफ 2009 से प्रयागराज में 4 मुकदमे दर्ज हैं, इनमें एक हत्या का तथा 3 धोखाधड़ी के केस हैं, पुलिस अधिकारी ने कहा कि तीनों मामले जिले के विशेष सीजेएम की कोर्ट में विचाराधीन है, सितंबर 2021 में शाइस्ता ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम में शामिल हुई, फिर जनवरी 2023 में मेयर चुनाव के लिये टिकट पाने के लिये बसपा में शामिल हो गई, फिर उमेश पाल हत्या के बाद पार्टी ने उससे खुद को दूर कर लिया, बाद में मेयर पद के उम्मीदवारों की सूची से नाम भी हटा दिया गया।