कभी नीतीश के थे खासमखास, अब बीजेपी में शामिल हुए आरसीपी सिंह, घर में घिरेंगे सुशासन बाबू
आरसीपी सिंह ने खासतौर से जदयू में अपने समर्थकों के बीच जाकर नीतीश के खिलाफ मुहिम चलाने की कोशिश की, उनकी कवायद थी कि किसी भी तरह नीतीश को एक्सपोज किया जाए।
New Delhi, May 11 : पूर्व केन्द्रीय मंत्री तथा जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह अब औपचारिक रुप से बीजेपी में शामिल हो गये हैं, बीजेपी हेड क्वार्टर में गुरुवार दोपहर करीब 1.30 बजे बीजेपी नेता तथा केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई, इस दौरान आरसीपी सिंह ने कहा आज मैं पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा तथा केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को धन्यवाद देता हूं, आरसीपी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश जी मुंबई में बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं, सी लेटर से उन्हें प्रेम है, सी से चेयर भी होता है, एक दिन ओडिशा, फिर झारखंड और अब मुंबई में हैं, तीन दिन में तीन प्रदेश, उन्हें बिहार के विकास के लिये जनमत मिला था, लेकिन नीतीश बाबू क्या कर रहे हैं, नीतीश बाबू पीएम थे, हैं और रहेंगे, पी मतलब पलटी, एम मतलब मार।
जदयू से निकाला गया
आरसीपी सिंह लंबे समय से किसी पार्टी से नहीं जुड़े थे, पिछले साल उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा गया, जिसके बाद केन्द्रीय कैबिनेट से हटा दिया गया, कैबिनेट से विदाई के बाद वो सीएम नीतीश के खिलाफ हमलावर रहे, आरसीपी की नाराजगी ललन सिंह को लेकर भी रही है, पिछले साल अगस्त महीने में बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद जब नीतीश बीजेपी से अलग होने का फैसला लिया, तब से ही आरसीपी सिंह की बीजेपी से नजदीकियां बढने लगी, आरसीपी सिंह ने सीएम नीतीश तथा उनके करीबी लोगों के किलाफ लगातार आग उगला, पूरे बिहार में अलग-अलग जिलों में जाकर दौरा किया।
नीतीश के खिलाफ मुहिम
आरसीपी सिंह ने खासतौर से जदयू में अपने समर्थकों के बीच जाकर नीतीश के खिलाफ मुहिम चलाने की कोशिश की, उनकी कवायद थी कि किसी भी तरह नीतीश को एक्सपोज किया जाए, ये दिखाया जाए, कि राजद के साथ उनकी मिलना सिर्फ प्रधानमंत्री बनने की लालसा है, किसी दौर में नीतीश के राइट हैंड रहे आरसीपी सिंह जदयू से दो बार राज्यसभा सांसद बने, 1 साल के लिये केन्द्र में मंत्री भी रहे, इससे पहले जदयू के संगठन महासचिव के तौर पर पार्टी को मजबूत करने की कोशिश की, फिर नीतीश ने पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया।
यहां से शुरु हुई अनबन
जदयू की ओर से एकमात्र मंत्री के तौर पर आरसीपी मोदी कैबिनेट में शामिल हुए, यहीं से नीतीश से उनकी अनबन शुरु हो गई, हालांकि आरसीपी सिंह बार-बार कहते रहे कि नीतीश की सहमति से ही वो मोदी कैबिनेट में शामिल हुए हैं, लेकिन जदयू के नेताओं को ये नागवार गुजरा, अंत में उन्हें पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटना पड़ा, फिर बाद में केन्द्रीय मंत्रिमंडल से भी छुट्टी हो गई, क्योंकि वो संसद सदस्य नहीं रहे थे, बाद में कहा गया कि आरसीपी नई पार्टी बना सकते हैं, लेकिन अब उन्होने बीजेपी में शामिल होने का फैसला लिया है।
नालंदा से लड़ सकते हैं चुनाव
ऐसी उम्मीद की जा रही है कि लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी उन्हें नीतीश के गृह जिला नालंदा से उतार सकती है, आरसीपी सिंह कुर्मी समाज से आते हैं, उसी समाज से नीतीश भी हैं, लिहाजा बीजेपी को लगता है कि नीतीश के सामाजिक समीकरण में सेंधमारी की कोशिश की जा सकती है, दूसरी ओर बीजेपी हाल ही में जदयू से उपेन्द्र कुशवाहा की बगावत के बाद उन्हें भी एनडीए में लाने की कोशिश कर रही है, सम्राट चौधरी को बीजेपी का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है, ऐसे में सम्राट चौधरी तथा उपेन्द्र कुशवाहा के बहाने बीजेपी लव कुश समीकरण साधने में लगी है, पार्टी हाईकमान की पूरी कोशिश की है कि नीतीश के सामाजिक समीकरण को पूरी तरह से ध्वस्त किया जाए, इसी वजह से सम्राट चौधरी के बाद आरसीपी और उपेन्द्र कुशवाहा रणनीति का हिस्सा हो सकते हैं।