दोषी हूं तो फांसी चढा दो, जेल से बाहर निकलते ही गरजे आनंद मोहन, मेरे बारे में आडवाणी जी से पूछिये

आनंद मोहन ने कहा आईएएस जी कृष्णैया हत्याकांड में वो निर्दोशष हैं, बावजूद सजा काट कर आये हैं, जबकि उनके साथ हत्याकांड में 7 लोगों को आजीवन कारावास की सजा मिली थी, लेकिन 6 लोग छूट गये, उन्होने उस कांड की सजा काटी, जो किया ही नहीं था।

New Delhi, May 12 : बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह हाल ही में जेल से छूटे हैं, बुधवार को जेल से छूटने के बाद पहली बार वो किसी सार्वजनिक जनसभा को संबोधित करते दिखे, इस दौरान आनंद मोहन ने युवा आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में खुद को निर्दोष बताया, उन्होने कहा कि मुझ पर लगे सभी आरोप झूठे तथा निराधार हैं।

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अररिया में जनसभा
पूर्व बाहुबली सांसद आनंदन मोहन बिहार के अररिया जिले में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे, उन्होने कहा ये देश किसी की जागीर नहीं है, हर किसी ने इसे अपने खून से सींचा है, मैं कानून तथा संविधान में विश्वास करता हूं, उन्होने कहा मैं बिना किसी शिकायत के 15 साल से ज्यादा की जेल काट चुका हूं, सरकार का अगर मानना है कि मैं दोषी हूं, तो मैं फांसी पर चढने के लिये तैयार हूं।

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आजीवन कारावास की सजा
आपको बता दें कि आनंद मोहन को शुरु में 2007 में एक ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी, हालंकि 2008 में पटना हाईकोर्ट ने उसे आजीवन कारावास में बदल दिया था, इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2012 में गोपालगंज के तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट जी कृष्णैया की कथित हत्या के लिये उनकी सजा को बरकरार रखा था, 1994 में गोपालगंज के डीएम की हत्या हुई थी। आपको बता दें कि आनंद मोहन की रिहाई के बाद से बिहार की राजनीति गर्म है, इसी का परिणाम रहा कि स्थानीय बीजेपी सांसद प्रदीप कुमार सिंह तथा दो बीजेपी विधायकों ने उनके साथ कार्यक्रम में मंच साझा नहीं किया, बुधवार को अररिया जिले के फारबिसगंज के फैंसी मार्केट में बाबू वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा का अनावरण समारोह था, इसी में आनंद मोहन और उनकी पत्नी लवली आनंद पहुंची थी।

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पत्नी ने की थी सीबीआई जांच की मांग
आनंद मोहन ने कहा आईएएस जी कृष्णैया हत्याकांड में वो निर्दोशष हैं, बावजूद सजा काट कर आये हैं, जबकि उनके साथ हत्याकांड में 7 लोगों को आजीवन कारावास की सजा मिली थी, लेकिन 6 लोग छूट गये, उन्होने उस कांड की सजा काटी, जो किया ही नहीं था। आनंद मोहन ने कहा जी कृष्णैया हत्याकांड और उन्हें जेल से छोड़े जाने को लेकर वर्तमान दौर में सियासी दल के नेता अपनी सियासत चमकाने के लिये कई तरह के बयान दे रहे हैं, इस दौरान आनंद मोहन ने दो नेताओं का नाम लिया, कहा अगर उनके बारे में जानना चाहते हैं, तो लाल कृष्ण आडवाणी और नवीन पटनायक से पूछिये, कि वो क्या चीज हैं, वो हमेशा सिद्धांत की लड़ाई लड़ने वाले व्यक्ति रहे हैं, लवली आनंद ने संसद में चिल्ला-चिल्लाकर मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी, कहा था कि अगर मेरे पति दोषी हैं, तो फांसी दे दीजिए, लेकिन सीबीआई जांच नहीं हुई थी।