किरेन रिजिजू से छिना कानून मंत्रालय, इस दिग्गज को मिली जिम्मेदारी, मोदी सरकार में बड़ा फेरबदल

किरेन रिजिजू बार-बार जजों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली को अपारदर्शी, संविधान से अलग तथा दुनिया में एकमात्र प्रणाली बताया, जो जजों के तौर पर अपने परिचितों को नियुक्त करती है।

New Delhi, May 18 : केन्द्रीय मंत्री किरेन रिजिजू को कानून मंत्री के पद से हटा दिया गया है, अब अर्जुनराम मेघवाल को ये मंत्रालय सौंपा गया है, किरेन रिजिजू को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है, केन्द्रीय कैबिनेट में फेरबदल किया गया है, उसी के तहत किरेन रिजिजू का मंत्रालय बदला गया है।

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मेघवाल को जिम्मेदारी
अर्जुन राम मेघवाल को कानून तथा न्याय मंत्रालय का मिनिस्टर ऑफ स्टेट बनाया गया है, राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी प्रेस रिलीज में बताया गया है कि पीएम के सलाह पर राष्ट्रपति ने ये फैसला लिया है। विज्ञप्ति के मुताबिक अर्जुन राम मेघवाल को किरेन रिजिजू के स्थान पर उनके मौजूदा विभागों के अलावा कानून तथा न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री के रुप में स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया है। इसके अलावा मेघवाल वर्तमान में संसदीय कार्य तथा संस्कृति राज्य मंत्री हैं।

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किरेन रिजिजू को मिला ये विभाग
प्रेस विज्ञप्ति में ये भी कहा गया है कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का प्रभार किरेन रिजिजू को सौंपा गया है, केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे थे, रिजिजू को जुलाई 2021 में रविशंकर प्रसाद की जगह कानून मंत्री नियुक्त किया गया था, रिजिजू पिछले काफी समय से न्यायिक नियुक्तियों के लिये कॉलेजियम सिस्टम के खिलाफ अपनी टिप्पणियों को लेकर खूब चर्चा में रहे हैं।

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कॉलेजियम सिस्टम को लेकर चर्चा में
किरेन रिजिजू बार-बार जजों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली को अपारदर्शी, संविधान से अलग तथा दुनिया में एकमात्र प्रणाली बताया, जो जजों के तौर पर अपने परिचितों को नियुक्त करती है, उन्होने कहा था कि न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच कोई टकराव नहीं है, लेकिन इस बात पर भी जोर दिया कि court न्यायधीशों को न्यायिक आदेशों के माध्यम से नियुक्त नहीं किया जा सकता, बल्कि इसकी जिम्मेदारी सरकार के पास होनी चाहिये, उन्होने कहा कि न्यायिक नियुक्ति न्यायपालिका का काम नहीं है, बल्कि उसका काम कोर्ट के मामलों को देखना है, इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने न्यायपालिका तथा कॉलेजियम पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ तथा किरेन रिजिजू की टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया, जगदीप धनखड़ ने भी कॉलेजियम सिस्टम पर सवाल उठाये थे।