मोदी-पुतिन की दोस्ती पर खतरा, रुस ने इस वजह से दी तेल-हथियार डील रद्द करने की धमकी!

यूक्रेन में जारी रुस की सैन्य कार्रवाई की वजह से दुनियाभर के देशों ने उस पर प्रतिबंध लगा दिया है, वो अलग-थलग पड़ गया है, अब रुस भारत पर दबाव बना रहा है।

New Delhi, May 25 : यूक्रेन के साथ जारी युद्ध के बीच रुस पूरी दुनिया से अलग-थलग पड़ गया है, उस पर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ब्लैक लिस्ट में शामिल होने का खतरा मंडरा रहा है, अब रुक इसके लिये भारत पर दबाव बना रहा है, ताकि वो उसे एसएटीएफ की ब्लैक या ग्रे लिस्ट में शामिल होने से बचाये, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ऐसी अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जो वित्तीय अपराध को रोकने की कोशिश करती है। एफएटीएफ की ब्लैक या ग्रे लिस्ट में शामिल देशों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता तो बंद कर ही दी जाती है, साथ ही उस पर निगरानी बढा दी जाती है।

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रुस ने दी तेल तथा हथियार डील रद्द करने की धमकी
यूक्रेन में जारी रुस की सैन्य कार्रवाई की वजह से दुनियाभर के देशों ने उस पर प्रतिबंध लगा दिया है, वो अलग-थलग पड़ गया है, अब रुस भारत पर दबाव बना रहा है, ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक रुस ने भारत को एफएटीएफ की ब्लैक या ग्रे लिस्ट में शामिल होने से ना बचाने की स्थिति में रक्षा तथा ऊर्जा डील को रद्द करने की धमकी दी है। रिपोर्ट के मुताबिक एक रुसी स्टेट एजेंसी ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर रुस एफएटीएफ की ब्लैक या ग्रे लिस्ट में शामिल होता है, तो उसे ऊर्जा, डिफेंस तथा ट्रांसपोर्टेशन क्षेत्र में गंभीर परिणाम होंगे, रुस की इस धमकी के बाद भारत तथा रुस की सालों पुरानी दोस्ती पर खतरा मंडराने लगा है।

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रद्द कर दी थी रुस की सदस्यता
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने रुस की ओर से यूक्रेन में जारी सैन्य कार्रवाई को देखते हुए इस साल फरवरी में रुस की सदस्यता रद्द कर दी थी, साथ ही एफएटीएफ ने कहा था कि putin रुस की ओर से यूक्रेन में जारी कार्रवाई उकसावे वाली है, हमले एफएटीएफ के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ है, इसके बाद से ही एफएटीएफ रुस को ब्लैक लिस्ट या ग्रे लिस्ट में डालने पर जोर दे रहा है।

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अगले महीने अगली मीटिंग
एफएटीएफ की अगली मीटिंग जून में होने वाली है, इस मीटिंग में रुस को निगरानी सूची में डाला जा सकता है, अगर एफएटीएफ ये कार्रवाई करता है, तो रुस की अर्थव्यवस्था को तगड़ा नुकसान होगा, यही कारण है कि वो भारत को सपोर्ट के लिये दबाव बना रहा है, आपको बता दें कि भारत फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स का सदस्य है, रुस ने हाल ही में कहा था कि एफएटीएफ का भारत विश्वसनीय सदस्य है, लेकिन इसके बावजूद उसने रुस को निलंबित किये जाने का विरोध नहीं किया है।

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