रांग नंबर से शुरु हुई लव स्टोरी, चोरी-छिपे प्रेमी-प्रेमिका को मिलना पड़ा भारी

जीरादेई गांव निवासी दूधनाथ साह का बेटा नीरज कुमार तथा एमएच नगर थाना क्षेत्र के उसरी खुर्द गांव निवासी दरोगा साह की बेटी कुमारी सुनीता रांग नंबर से पहली बार बात हुई, इसके बाद दोनों के बातचीत का सिलसिला शुरु हुआ।

New Delhi, Jun 15 : बिहार के सिवान में छिप-छिप कर प्रेमिका से मिलना एक प्रेमी को महंगा पड़ गया, दरअसल स्थानीय लोगों ने प्रेमी जोड़े को मिलने के दौरान ही पकड़ कर सिर्फ 250 रुपये में शादी करा दी, ये पूरा मामला सिवान जिले के एमएच नगर थाना क्षेत्र के उसरी खुर्द गांव की है, प्रेमी-प्रेमिका की शादी का ये मामला चर्चा का विषय बना हुआ है, प्रेमी जीरादेई का रहने वाला नीरज कुमार है, तो प्रेमिका का नाम सुनीता कुमारी है, दोनों के बीच पिछले डेढ साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था।

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प्रेमिका से मिलने पहुंचा था
जिले के एमएच नगर थाना क्षेत्र के उसरी खुर्द में प्रेमिका से मिलने उसका प्रेमी पहुंचा था, जहां मिलने के दौरान ही दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में ग्रामीणों ने पकड़ लिया, couple गांव के कुछ लोग दोनों को पकड़कर मारपीट पर उतारु हो गये, हालांकि स्थानीय बुद्धिजीवी वर्ग तथा जनप्रतिनिधियों ने लोगों से बचाकर दोनों परिवारों को बुलाया, इसके बाद बातचीत का दौर शुरु हुई, दोनों पक्षों की रजामंदी तथा प्रेमी कपल की सहमति के बाद शिव-पार्वती मंदिर में दोनों ने सात फेरे लिये।

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रांग नंबर से शुरु हुई थी लव स्टोरी
जिले के जिरादेई थाना क्षेत्र जीरादेई गांव निवासी दूधनाथ साह का बेटा नीरज कुमार तथा एमएच नगर थाना क्षेत्र के उसरी खुर्द गांव निवासी दरोगा साह की बेटी कुमारी सुनीता रांग नंबर से पहली बार बात हुई, couple इसके बाद दोनों के बातचीत का सिलसिला शुरु हुआ, फिर ये दोस्ती प्यार में तब्दील हो गई, पिछले डेढ साल से दोनों लगातार बात कर रहे थे, कई बार मिले भी, लेकिन इस बार दोनों को ग्रामीणों ने रंगेहाथों पकड़ लिया, फिर शादी करा दी।

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रजामंदी से शादी
प्रेमी नीरज ने कहा कि दोनों परिवारों की आपसी रजामंदी से शादी हुई है, ऐसा कोई काम नहीं करेंगे, जिससे दोनों परिवार की बदनामी हो, भगवान को साक्षी मान कर शादी की है, प्रेमी ने बताया कि दोनों के बीच करीब डेढ साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था, marriage दोनों एक ही बिरादरी के हैं, वहीं मंदिर में शादी कराने के बाद स्थानीय लोगों तथा जनप्रतिनिधियों ने स्टांप पेपर भी बनवाया, ताकि आगे चलकर किसी तरह की परेशानी ना हो।