पढा-लिखा कर सफाईकर्मी ने पत्नी को बनाया SDM, मिला धोखा, तो अब खोल दी पूरी पोल, पूरा मामला

आलोक मौर्य ने बताया कि उसकी शादी 2010 में ज्योति से हुई थी, 2009 में आलोक का चयन पंचायत राज विभाग में फोर्थ ग्रेड कर्मचारी के पद पर हुआ था, इसके बाद उन्होने ज्योति को पढाया, फिर 2015 में ज्योति का चयन हुआ।

New Delhi, Jun 27 : बरेली में प्रांतीय सिविल सेवा अधिकारी ज्योति मौर्य इन दिनों करप्शन के आरोपों की वजह से सुर्खियों में है, इस मामले में फिलहाल आरोप-प्रत्यारोप लगाये जा रहे हैं, इस बीच 100 पन्नों की एक डायरी सामने आई है, ज्योति के पति ने ये डायरी मीडिया को सौंपी है, इस डायरी में ज्योति हर महीने होने वाले कलेक्शन का सारा हिसाब-किताब रखती थी, जैसा कि डायरी में बताया गया है, ज्योति अनाधिकारिक रुप से हर महीने 6 लाख रुपये इकट्ठा कर रही थी, पति के आरोपों में कितनी सच्चाई है, ये तो जांच के बाद स्पष्ट हो जाएगा, ज्योति के पति आलोक मौर्य मामले में होम गार्ड मुख्यालय में शिकायत दर्ज कराई है, उनकी शिकायत के बाद होम गार्ड डीजी वीके मौर्य ने मामले की जांच प्रयागराज के डिप्टी कमांडेंट जनरल संतोष कुमार को सौंपी है, उन्होने अपने पति आलोक का जवाब नोट कर लिया है, अब बरेली शुगर फैक्ट्री में प्रबंध निदेशक पद पर महिला अधिकारियों की जांच होने जा रही है।

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हर पन्ने पर लिखा है कुछ ऐसा
प्रयागराज के पंचायत राज मंडल में तैनात आलोक कुमार मौर्य की डायरी के हर पन्ने के ऊपर और नीचे स्वास्तिक चिन्ह बना हुआ है, साथ ही इस पर शुभ-लाभ भी लिखा हुआ है, इसके बाद हर पन्ने पर किससे कितना पैसा मिला, इसका जिक्र भी है, आलोक का दावा है कि ये लिखावट ज्योति की है। आपको बता दें कि ज्योति मौर्य की नियुक्ति 2019 से 2021 के बीच कौशाम्बी के चायल तहसील में हुई थी, इस दौरान डायरी में करप्शन से मिले पैसों का हिसाब-किताब लिखा है, अक्टूबर 2021 की ही बात करें, तो ज्योति ने सिर्फ एक महीने में अनऑफिशियली 6.04 लाख रुपये कमाये, इसमें ये भी उल्लेख है कि आपूर्ति निरीक्षक को 15 हजार रुपये, तथा विपणन निरीक्षक को 16 हजार रुपये प्रति महीने भुगतान किया जाता है, हर पन्ने पर महीने के हिसाब से करप्शन से मिले पैसों का जिक्र है।

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2020 के बाद से शुरु हुआ बवाल
आलोक मौर्य ने बताया कि उसकी शादी 2010 में ज्योति से हुई थी, 2009 में आलोक का चयन पंचायत राज विभाग में फोर्थ ग्रेड कर्मचारी के पद पर हुआ था, इसके बाद उन्होने ज्योति को पढाया, फिर 2015 में ज्योति का चयन हुआ, ज्योति ने लोक सेवा आयोग में महिलाओं में तीसरा तथा कुल मिलाकर 16वां स्थान हासिल किया, परिवार में सभी लोग बहुत खुश थे, 2015 में जुड़वां लड़कियों का जन्म हुआ, 2020 तक सब कुछ ठीक-ठाक था।

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फेसबुक पर जिला कमांडेंट से दोस्ती
आलोक ने बताया कि 2020 में ज्योति का परिचय गाजियाबाद में तैनात डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट होम गार्ड से हुआ, दोनों बातें करने लगे, अधिकारी होने के नाते हमें इसमें कुछ भी गलत नहीं लगा, लेकिन 2022 में ज्योति अपने मोबाइल पर फेसबुक लॉगआउट करना भूल गई, मैने देखा कि दोनों के बीच अश्लील बातें हो रही थी, ये देखकर मुझे गुस्सा आ गया, जब मैंने विरोध किया, तो मारपीट करने लगी, जेल भेजने की धमकी देने लगी, 22 दिसंबर 2022 को आलोक ने लखनऊ के एक होटल में दोनों का रंगेहाथों पकड़ा, आलोक का कहना है कि जब दोनों ने हमला किया, तो मैं जान बचाकर भागा। आलोक का आरोप है कि एक हफ्ते पहले मुझे फोन किया गया, कहा गया कि स्वेच्छा से तलाक ले लो, नहीं तो मार दिये जाओगे, वो आये दिन मुझे 376 में फंसाने की धमकी देती है, पत्नी ने धूमनगंज थाने में दहेज का झूठा मुकदमा दर्ज कराया है, उन्होने 376 लगाने की भी धमकी दी है। मामले में आलोक ने होम गार्ड के मुख्यालय में शिकायत दर्ज कराई है, उन्होने कहा कि मेरी पत्नी ज्योति का गाजियाबाद के होम गार्ड कमांडेंट से अफेयर चल रहा है, दोनों उसे मारने की साजिश रच रहे हैं, इस संबंध में कुछ व्हाट्सएप्प चैट भी होम गार्ड के अधिकारियों को दी गई है।