मेले में बेचती थी चूड़ियां, पिता को कैंसर, अब बन गई असिस्टेंट प्रोफेसर, दिलचस्प है सक्सेस स्टोरी

संगीता ने बताया कि वो एक मामूली परिवार से नाता रखती हैं, पिता हरबंश लाल ग्रामीण रोजगार सेवक के पद पर तैनात हैं, अभी हाल ही में नियमित हुए हैं, इससे पहले उन्हें इस पद पर नाम मात्र का ही वेतन मिलता था।

New Delhi, Jun 28 : माता-पिता के साथ मेलों में चूड़ियां बेचकर अपनी पढाई पूरी की, अब संगीता असिस्टेंट प्रोफेसर बन गई है, उन्होने मेहनत से मुकाम हासिल किया है, कामयाबी की ये कहानी मंडी जिला के द्रंग विधानसभा क्षेत्र के शिवाबदार की रहने वाली संगीता की है, संगीता अब हिंदी की असिस्टेंट प्रोफेसर बनी है।

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गांव वालों ने किया स्वागत
असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के बाद अपने घर पहुंची संगीता का परिजनों तथा गांव वालों ने जोरदार स्वागत किया, संगीता ने बताया कि उसकी 12वीं तक की पढाई शिवाबदार स्कूल से हुई, इसके बाद डिग्री कॉलेज कुल्लू से ग्रेजुएशन की, एमए तथा एमफिल की पढाई हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी शिमला से की, मौजूदा समय में वो हिंदी से पीएचडी कर रही हैं, संगीता ने नवंबर 2022 में परीक्षा दी थी, 23 जून 2023 को रिजल्ट आया, जिसमें वो असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिये चयनित हुई है।

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मेलों में बेचती थी चूड़ियां
संगीता ने बताया कि वो एक मामूली परिवार से नाता रखती हैं, पिता हरबंश लाल ग्रामीण रोजगार सेवक के पद पर तैनात हैं, अभी हाल ही में नियमित हुए हैं, इससे पहले उन्हें इस पद पर नाम मात्र का ही वेतन मिलता था, माता सुरती देवी हाउसवाइफ हैं, एक छोटी बहन है, जिसकी शादी हो चुकी हैं, छोटा भाई बीटेक कर चुका है, माता-पिता घर चलाने के लिये मेलों में चूड़ियां तथा खिलौने बेचा करते थे, मैं भी इस काम में उनका पूरा साथ देती थी, ग्रेजुएशन की पढाई तक मेलों में चूड़ियां और खिलौने बेचने का काम करती थी, कबी इस काम को लेकर शर्म महसूस नहीं की, फिर शिमला चली गई, पिताजी बीमार पड़ गये, तो ये काम बंद करना पड़ा, अब पिताजी कैंसरी की बीमारी से जूझ रहे हैं।

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शिक्षक या रिपोर्टर बनने का था सपना
संगीता ने बताया कि उसका टीचर या रिपोर्टर बनने का सपना था, वो दोनों दिशा में अपने प्रयास शुरु किये हुए थी, दूरदर्शन शिमला में एंकरिंग का भी काम कर रही थी, शिक्षक की भी तैयारी चल रही थी, अगर शिक्षक ना होती, तो रिपोर्टर बन जाती, अभी भी संगीता सोशल मीडिया पर एक पेज का संचालन कर रही है, जिसके माध्यम से वो यहां की संस्कृति को प्रमोट करने की कोशिश करती है। अब बेटी के कामयाबी से पूरे परिवार में खुशी का माहौल है, पिता हरबंश लाल, माता सुरती देवी, भाई-बहन तथा सभी रिश्तेदार समेत विधायक पूर्ण चंद ठाकुर ने उन्हें इस कामयाबी के लिये बधाई दी है।