बुलढाणा हादसे में जीवित बचे शख्स ने सुनाई आपबीती, नजरों के सामने जिंदा जल गये 26 लोग, वीडियो

हादसे में जीवित बचे शख्स ने बताया कि बस का एक टायर फट गया, गाड़ी में तुरंत आग लग गई, देखते ही देखते आग फैलने लगी, मैं और मेरे बगल में बैठा एक यात्री पिछले हिस्से की खिड़की तोड़कर जान बचाने में सफल रहे।

New Delhi, Jul 01 : महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में शुक्रवार देर रात हुई बस हादसे में जीवित बचे एक यात्री ने बताया कि उसने और कुछ दूसरे यात्रियों ने खिड़की तोड़कर अपनी जान बचाई, इस शख्स ने जो मंजर देखा, उसका हाल बयां किया है, स्थानीय पुलिस के मुताबिक बुलढाणा जिले में समृद्धि एक्स्रेस वे पर एक यात्री बस में आग लगने से 26 यात्रियों की झुलसकर मौत हो गई, बस में कुल 33 यात्री सवार थे, पुलिस ने बताया कि एक निजी ट्रैवल्स की बस नागपुर से पुणे जा रही थी, रास्ते में बुलढाणा जुले के सिंदखेडराजा के पास शुक्रवार देर रात करीब 1.30 बजे बस डिवाइडर से टकरा गई, जिसमें आग लग गई।

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कैसे हुआ हादसा
हादसे में जीवित बचे शख्स ने बताया कि बस का एक टायर फट गया, गाड़ी में तुरंत आग लग गई, देखते ही देखते आग फैलने लगी, मैं और मेरे बगल में बैठा एक यात्री पिछले हिस्से की खिड़की तोड़कर जान बचाने में सफल रहे, bus जीवित बचे व्यक्ति ने बताया कि हादसे के बाद पुलिस तथा दमकल टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। हादसे में जीवित बचे योगेश रामदास गवई ने कहा मैं नागपुर से औरंगाबाद के लिये विदर्भ ट्रेवल्स की बस में चढा था, समृद्धि एक्सप्रेस वे पर बस दुर्घटनाग्रस्त होने के तुरंत बाद पलट गई, जिसमें आग लग गई, बस में धामाका होने के बाद 3-4 लोग खिड़की तोड़कर भाग निकले।

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मदद के लिये नहीं रुके लोग
एक स्थानीय निवासी ने बताया कि 4 से 5 यात्री बस की एक खिड़की तोड़कर निकलने में सफल रहे, उन्होने कहा लेकिन हर कोई ऐसा नहीं कर सका, जो लोग बाद में बस से निकल सके, उन्होने बताया कि उन्होने राजमार्ग पर दूसरे वाहनों से मदद मांगी, लेकिन कोई नहीं रुका, पिंपलखुटा में इस मार्ग पर कई दुर्घटनाएं होती है, मदद की गुहार लगने पर जब हम वहां गये, तो हमने भयानक मंजर देखा।

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कुछ जान बच सकती थी
कुछ स्थानीय लोगों ने कहा अंदर मौजूद यात्री खिड़कियां तोड़ने की कोशिश कर रहे थे, dead body हमने लोगों को जिंदा जलते देखा, आग इतनी भीषण थी कि हम कुछ नहीं कर सके, अगर राजमार्ग से गुजर रहे वाहन समय रहते मदद के लिये रुकते, तो कुछ और यात्रियों की जान बचाई जा सकती थी।

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