अमित शाह ने अपने पहले ही डेब्यू भाषण में तल दिए विपक्ष के ‘पकौड़े’
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में अपना पहला डेब्यू भाषण दिया। उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।
New Delhi Feb 05 : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अपनी साफगोई और बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। वैसे तो उनके निशाने पर हमेशा ही कांग्रेस पार्टी रहती है। लेकिन, सोमवार को राज्यसभा में दिए अपने पहले डेब्यू भाषण में भी उन्होंने कांग्रेस समेत पूरे के पूरे विपक्ष की बघिया उधेड़ दी। अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पकौड़े वाले बयान का बचाव करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की जमकर क्लास ली। उनके निशाने पर खासतौर पर पी चिदंबरम रहे। जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद देश में पकौड़ा बेचने वालों की तुलना भिखारियों से की थी। अमित शाह का कहना था कि आज देश के करोड़ों युवा छोटे-छोटे स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन, कांग्रेस के नेता पकौड़ा बेचने वालों की तुलना भिखारियों से करते हैं। शर्म आनी चाहिए ऐसे नेताओं को। उन्होंने कहा कि पकौड़ा बनाकर रोजगार करना कोई शर्म की बात नहीं है।
अमित शाह का कहना था कि कांग्रेस नेताओं की मानसिकता आखिर किस प्रकार की है। पकौड़े बनाना कोई शर्म की बात नहीं है। लेकिन, पकौड़े बनाने वालों की तुलना भिखारियों से करना जरुर शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि अगर आज कोई पकौड़ा बनाकर रोजगार कर रहा है तो उनकी दूसरी पीढ़ी आगे आएगी। उसमें कोई उद्योगपति बनेगा तो कोई कुछ और। यहां पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी उदाहरण दिया और कहा कि एक चाय वाला आज प्रधानमंत्री बनकर इस सदन में बैठा हुआ है। अमित शाह ने पकौड़ा बनाने वालों का मजाक उडाने पर कांग्रेस नेताओं की जमकर खिंचाई की। राज्यसभा में अमित शाह के पहले डेब्यू भाषण में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी उनके निशाने पर रहे। अमित शाह ने कहा कि ये लोग जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स कहते हैं। उन्होंने कहा कि कौन है गब्बर सिंह ? गब्बर सिंह शोले फिल्म में डकैत था। क्या ये डकैती हुई है?
अमित शाह ने कांग्रेस से सवाल किया कि क्या कानून से बना हुआ टैक्स वसूल करना डकैती है क्या? उन्होंने कहा कि कितनी समझ रखते हैं लोग ? जीएसटी जाता कहां-कहां है? उन्होंने कहा कि जीएसटी का पैसा वन रैंक, वन पेंशन के लिए जवानों के खातें में भी जाता है। शहीद जवानों की विधवाओं के अकाउंट में जाता है। उन्हेांने कहा कि इस पैसे का इस्तेमाल गरीबों को छत मुहैया कराने के लिए किया जाता है। अमित शाह ने कांग्रेस नेताओं को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि लोगों को टैक्स ना देने के लिए उकसाना अच्छी बात नहीं है। जिस दौरान अमित शाह राज्यसभा में अपना पहला डेब्यू भाषण दे रहे हैं उस वक्त वहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे। शाह ने यूपीए के कार्यकाल में हुए घोटालों को भी जिक्र किया। उनका कहना है कि उस वक्त देश में पॉलिसी पैरालिसिस हो गया था। यूपीए के शासन में देश दिशाहीन हो गया था। महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस करती थीं।
इस मौके पर अमित शाह ने केंद्र सरकार की उपलब्धियों को भी गिनाया। उन्होंने दुनिया की सबसे बडी हेल्थ स्कीम का जिक्र करते हुए कहा कि बजट में दस करोड़ लोगों के लिए आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की गई है। भविष्य में लोग इसे ‘नमो हेल्थकेयर’ के नाम जानेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने साढ़े तीन साल में अपने चुनावी वादों को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि आज देश में मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने वंशवाद, जातिवाद और तुष्टिकरण तीनों को उखाड़ फेंका है। जिसने देश को पीछे धकेलने का काम किया था। अमित शाह ने भी एक साथ चुनाव कराए जाने पर जोर दिया। शाह का कहना है कि हमारी सरकार को विरासत में गढडे मिले हैं। जिन्हें भरने में वक्त लगेगा। अमित शाह ने अपने भाषण में पाकिस्तान के खिलाफ की गई सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे को भी उठाया। विपक्ष के नेताओं ने अमित शाह के भाषण के दौरान उन्हें रोकने की भी कोशिश की। हंगामा शुरु कर दिया। जिस पर शाह का कहना था कि भईया आप लोगों को मुझे छह साल तक सुनना होगा। आप मुझे बोलने से रोक नहीं पाओगे।