घर से निकले थे इंजीनियर बनने और क्रिकेटर बन गये, दिलचस्प है RCB के नये मैचविनर की कहानी!
शाहबाज अहमद हरियाणा के मेवात जिले के रहने वाले हैं, उनके पिता अहमद जान सरकारी कर्मचारी हैं, उन्होने शाहबाज के इंजीनियरिंग छोड़ क्रिकेट खेलने की कहानी साझा की।
New Delhi, Apr 16 : आरसीबी के लिये आईपीएल 2021 का आगाज शानदार रहा है, टीम अपने पहले दो मैचों में जीतकर अंक तालिका में पहले स्थान पर काबिज है, मुंबई इंडियंस के खिलाफ पहले मैच में जहां हर्षल पटेल 5 विकेट लेकर आरसीबी की जीत के हीरो बने, तो सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ दूसरे मुकाबले में जीत का सेहरा शाहबाज अहमद के सिर बंधा, उन्होने सिर्फ 2 ओवर गेंदबाजी की, और तीन विकेट अपने नाम किये, खास बात ये है कि शाहबाज ने तीनों विकेट हैदराबाद की पारी के 17वें ओवर में लिये, यहीं से मैच का रुख बंगलुरु की ओर पलट गया, इसके बाद से ही इस ऑलराउंडर की खूब चर्चा हो रही है, लेकिन शाहबाज के लिये आईपीएल तक पहुंचने का सफर आसान नहीं रहा, पिता तो चाहते थे कि बेटा इंजीनियर बने, लेकिन शाहबाज की चाहत क्रिकेट खेलने की थी, परिवार उनकी इस चाहत के आड़े कभी नहीं आया, और हमेशा क्रिकेट खेलने के लिये उनका हौसला बढाया।
हरियाणा के रहने वाले
शाहबाज अहमद हरियाणा के मेवात जिले के रहने वाले हैं, उनके पिता अहमद जान सरकारी कर्मचारी हैं, उन्होने शाहबाज के इंजीनियरिंग छोड़ क्रिकेट खेलने की कहानी साझा की, उन्होने बताया कि परिवार की इच्छा था कि बेटा इंजीनियर बने, क्योंकि जिले में उनके गांव की पहचान उच्च शिक्षित लोगों की वजह से है, शाहबाज के गांव में कई लोग इंजीनियर और डॉक्टर हैं, ऐसे में पिता की भी यही चाहत थी, कि बेटा पढ-लिखकर इंजीनियर बने, इसलिये 12वीं के बाद उनका एडमिशन फरीदाबाद के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में कराया, लेकिन उनके मन पढाई से ज्यादा क्रिकेट में लगता था, वो क्लास छोड़ क्रिकेट खेलने चले जाते थे।
पिता को बुरा लगा
अहमद जान ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि बेटा पढाई के बजाय क्रिकेट खेल रहा है, एक दिन यूनिवर्सिटी से लेटर आया कि उनका बेटा क्लास में नहीं आता है, पिता को बेटे के बारे में ऐसी बात जानकर बुरा लगा, उन्होने बेटे से बात की, उनसे कहा कि पढाई या क्रिकेट में से किसी एक को चुन लें, तब शाहबाज ने पिता से दिल की बात कही, पढाई की जगह खेल को चुना, यहां से उनके प्रोफेशनल क्रिकेट खेलने के सफर की शुरुआत हुई, उन्होने गुरुग्राम के एक क्रिकेट एकेडमी में जाना शुरु किया, क्रिकेट के साथ-साथ पढाई भी जारी रखी और इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की।
आरसीबी ने 20 लाख में खरीदा
शुरुआती क्रिकेट दिल्ली, हरियाणा में खेलने के बाद शाहबाज क्रिकेट खेलने बंगाल चले गये, यहां क्लब क्रिकेट खेलते खेलते 2018-19 में बंगाल के लिये विजय हजारे ट्रॉफी में खेलने का मौका मिला, अगले ही साल रणजी ट्रॉफी में हैदराबाद के खिलाफ हैट्रिक लेकर सनसनी मचा दी, इतना ही नहीं इस ऑलराउंडर ने बंगाल के लिये नंबर 1 पर बल्लेबाजी करते हुए 36 से ज्यादा की औसत से 509 रन बनाये, कई मौकों टीम की तय दिख रही हार को जीत में बदल दिया, इसके अलावा उन्होने 16.80 के औसत से 35 विकेट भी लिये, घरेलू क्रिकेट में अच्छे प्रदर्शन की वजह से पिछले साल आईपीएल ऑक्शन में आरसीबी ने उन्हें 20 लाख रुपये में खरीदा, लेकिन पिछले सीजन में सिर्फ 2 मैच में ही खेलने का मौका मिला।
3 विकेट लेकर जीत
इस साल आईपीएल के पहले शाहबाज ने विजय हजारे ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन किया था, उन्होने बंगाल के लिये 5 मैच में 163 रन बनाने के साथ सबसे ज्यादा 8 विकेट झटके, इसी फॉर्म को देखते हुए उन्हें इस साल आईपीएल के पहले दोनों मैच में प्लेइंग 11 में जगह मिली, शाहबाज मुंबई इंडियंस के किलाफ पहले मैच में तो कुछ खास कमाल नहीं कर सके, लेकिन हैदराबाद के किलाफ दूसरे मुकाबले में सिर्फ 6 गेंदों में मनीष पांडे, जॉनी बेयरस्टो और अब्दुल समद को आउट कर आरसीबी की जीत की राह आसान कर दी, इस प्रदर्शन के बाद उनका कद भी बढ गया है।