8 साल पहले ही हो गई थी भविष्यवाणी, तय थी अमेरिका की वापसी, बताया था सत्ता में आएगा तालिबान
हैरान हो जाएंगे आप भी ये जानकर कि अफगानिस्तान में जो 15 अगस्त को हुआ वो सब कुछ तय था । एक किताब में इसकी भविष्यवाणी 8 साल पहले ही कर दी गई थी ।
New Delhi, Aug 31: सोमवार को अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपने सैन्य मिशन की समाप्ति की घोषणा कर दी, 20 साल बाद अमेरिकी अपने वतन को लौट गए । लेकिन क्या इस बात की खबर पहले से ही थी, दरअसल अमेरिकी पत्रकार फ्रेड्रिक मैकार्थी फोर्सिथ चर्चा में हैं, फोर्सिथ ने करीब 8 साल पहले ही एक किताब लिख अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति की भविष्यवाणी उसमें कर दी थी । यानी फोर्सिथ ने तब ही बता दिया था कि अमेरिका अफगानिस्तान की धरती से वापिस जाएगा और तालिबान की सत्ता में वापसी होगी ।
2013 में आई किताब
साल 2013 में अमेरिकी पत्रकार फ्रेड्रिक मैकार्थी फोर्सिथ की किताब ‘द किल लिस्ट’ रिलीज हुई थी, इस किताब के एक चैप्टर में पत्रकार ने लिखा था कि एक दिन आएगा, जब अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान से वापसी करेंगे और तालिबान का शासन आएगा । इसके साथ ही फोर्सिथ ने पाकिस्तान और तालिबान के बीच संबंधों का भी जिक्र किया है । इस किताब के 9वें अध्याय में बताया गया है कि कैसे तालिबान का एक बार फिर अफगानिस्तान पर कब्जा होगा।
अक्षरश: सत्य हुईं बातें
फोर्सिथ ने अपनी किताब में जो लिखा बिलकुल वैसा ही हुआ, उन्ळोंने लिखा था- ‘आतंकियों के पाकिस्तान के ISI से पुराने संबंध खत्म नहीं हुए थे । आखिर ISI ने तालिबान बनाया था और तब से ही इसे लेकर की गई तमाम भविष्यवाणियों पर नजर बनाए हुए था । उसका मानना था कि अभी भले ही समय अमेरिका का है, लेकिन अफगानों के पास पूरा वक्त है । एक दिन अमेरिकी अपना सामान समेटेंगे और अफगानिस्तान से निकल जाएंगे. तब फिर तालिबान अफगानिस्तान को जीत लेगा।’
कल्पनाओं पर आधारित थी किताब
हालांकि यह किताब काल्पनिक घटनाओं पर आधारित है । इसमें अफगानिस्तान में जारी तालिबान संकट के बीच भारत और पाकिस्तान की स्थिति पर भी बात की गई है । 9वें अध्याय में ही फोर्सिथ ने लिखा है- ‘पाकिस्तान भी दो सीमाओं पर भारत और अफगानिस्तान जैसे दो दुश्मन नहीं चाहता। एक ही दुश्मन पर्याप्त होगा और वह होगा भारत।’ आपको बता दें सोमवार को अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपना सब कुछ समेट लिया है, 11 सितंबर 2001 के बाद अफगानी धरती पर शुरू हुआ अमेरिकी दौर अब खत्म हो गया है । बताया गया है कि आने वाले समय में अमेरिकी मिशन तालिबान प्रशासन के साथ कूटनीति से काम करेगा और दोहा के बाहर अपने कॉन्सुलर ऑपरेशन संचालित करेगा ।