ट्रेनों की लेट-लतीफी रोकने के लिये रेलवे का नया तरीका, इस तरह यात्रियों को बनाया जा रहा ‘बेवकूफ’

पिछले कुछ महीनों से भारतीय रेलवे की करीब 40 फीसदी ट्रेनें देर से चल रही थीं, इसका मतलब ये हुआ कि सिर्फ 60 फीसदी ट्रेनें अपने समय से चल रही है।

New Delhi, Jun 29 : पिछले कुछ महीनों से भारतीय रेल और मोदी सरकार ट्रेनों की लेट-लतीफी की वजह से लगातार सुर्खियों में है। लेकिन इस समस्या का हल निकालने के बजाय भारतीय रेलवे ने एक चालाकी भरा तरीका निकाला है। ट्रेनों को समय से पहुंचाने या फिर ट्रेनों की गति बढाने के बजाय रेलवे ने ट्रेनों के पहुंचने के समय में ही बदलाव कर दिया है। आसान भाषा में इसका मतलब ये हुआ कि अगर किसी ट्रेन के पहुंचने का समय 6 बजे का है, और वो ट्रेन 7 बजे पहुंचती है, तो रेलवे ने इस ट्रेन के पहुंचने के समय में बदलाव कर 7 बजे कर दिया। आपको बता दें कि ट्रेनों की लेट लतीफी की वजह से जनसामान्य को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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40 फीसदी ट्रेनें लेट
आपको बता दें कि पिछले कुछ महीनों से भारतीय रेलवे की करीब 40 फीसदी ट्रेनें देर से चल रही थीं, इसका मतलब ये हुआ कि सिर्फ 60 फीसदी ट्रेनें अपने समय से चल रही है। इस वजह से भारतीय रेलवे को काफी आलोचना भी झेलनी पड़ रही थी। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस पर अधिकारियों के साथ बैठक कर जवाब मांगा था, जिसके बाद उनसे कहा गया था कि मेंटेनेंस कार्यो की वजह से ट्रेनें देर हो रही है।

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रेलवे ने निकाला नया तरीका
रेलवे ने ट्रेनों की लेट लतीफी को कम करने के लिये नया तरीका ईजाद किया है, दरअसल अगर पहले ट्रेन का टाइम 6 बजे था, लेकिन ट्रेन 7 बजे पहुंचती थी, तो एक घंटा लेट माना जाता था। लेकिन अब रेलवे के उस ट्रेन का टाइम ही सात बजे कर दिया है, यानी आपका ट्रेवल टाइम बढ जाएगा, और आंकड़ों में कहीं भी लेट लतीफी नहीं दिखेगी, इसके साथ ही कोई देरी की शिकायत भी नहीं करेगा।

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अराइवल टाइम में बदलाव
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण रेलवे ने करीब 90 ट्रेनों का अराइवल टाइम यानी पहुंचने के समय में 30 मिनट से लेकर एक घंटे तक बढा दिया है। इसी तरह उत्तर रेलवे ने भी 95 ट्रेनों का अराइवल टाइम आधा घंटा से लेकर 1 घंटे तक बढा दिया है। दक्षिण रेलवे को अपने इस फैसले के लिये रेल मिनिस्ट्री से भी इजाजत मिल गई है। ट्रेनों के अराइवल टाइम में बदलाव करने से उसकी औसत गति में भी बदलाव होगा।

मेंटेनेंस का काम
दक्षिण रेलवे के महाप्रबंधक आर के कुलश्रेष्ठा ने कहा कि हमने ऐसा इसलिये किया है, क्योंकि कुछ ट्रेनें पटरी मेंटेनेंस के काम की वजह से लगातार देरी से पहुंच रही थीं, यात्रियों की सुरक्षा के साथ किसी भी शर्त पर खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। अगर ट्रेनें के पहुंचने का समय 8 बजे था, और वो रोजाना नौ बजे पहुंच रही थी, तो उसके समय में ही बदलाव कर देना सही है।

रेलवे ने लिखा पत्र
रेल मंत्रालय ने Railway के अलग-अलग जोन को पत्र लिखकर ये कहा है कि वो यात्रियों को बताएं, कि आखिर इस बदलाव को किस तरह से लागू करेंगे, Piyush Goyalसाथ ही क्यों ऐसा किया गया है। यात्रियों से लगातार बात कर उनकी परेशानियों को दूर किया जा सकता है।

तीस-तीस घंटे लेट
आपको बता दें कि पिछले कुछ महीनों से ट्रेनें लगातार लेट चल रही थी, कुछ ट्रेनें तो 30-30 घंटे तक लेट से पहुंच रही थी। जिसके बाद यात्री और मीडिया ने इस मामले को उठाना शुरु किया, तो सराकर और रेलवे अधिकारियों ने बताया कि सालों के रेल ट्रैक का मेंटेनेंस काम पेंडिंग पड़ा था, इन दिनों तेजी से मेंटेनेंस का काम चल रहा है, इसी वजह से ट्रेनों में परिचालन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।