बीएचयू : बहुतों की कुंठाएं और इर्ष्याएं भभक उठीं है, अच्छा लगा !

बीएचयू : खबर की टी आर पी बनाने को बेचैन मीडिया इतना गैरजिम्मेदाराना हरकत करे कि ऐसी क्रूर और वीभत्स खबर लिख डाले जो न सिर्फ अविश्वसनीय हो, अचरज में डालने वाली हो।

New Delhi, Sep 28 : मैं बहुत निडर हूँ, सच जीती हूँ इसलिए सच के साथ अडिग खड़ी रहती हूँ। मैं अपने विचारों को लेकर मुखर हूँ, स्पष्टवादी हूँ और जो मन मे विचार में है, वही बोलती, कहती लिखती हूँ। सारा जीवन मैंने सिर्फ एक स्त्री,एक बिटिया, के जीवन की संवेदनाओं को गाया, और जीया है। जन जन तक पहुँचाया है। सोच कर वितृष्णा हो रही है कि खबर की टी आर पी बनाने को बेचैन मीडिया इतना गैरजिम्मेदाराना हरकत करे कि ऐसी क्रूर और वीभत्स खबर लिख डाले जो न सिर्फ अविश्वसनीय हो, अचरज में डालने वाली हो।

Advertisement

स्वच्छता के कार्यक्रम के कारण आज मैं शाम से माँ चन्द्रिका देवी के मंदिर में थी जहां फोन का ठीक नेटवर्क भी नही था और न मुझे फोन देखने का समय। रात जब यह सब देखा तो तुरंत जी न्यूज और दैनिक भास्कर को ट्विटर पर टैग किया। ललकारा सफाई मांगी।
रोहित सरदाना जी ने तुरंत मुझे कॉल किया और बताया कि ज़ी ने खबर भास्कर से उठाई है, हमे खेद मांगते हुए पोस्ट हटवा दी। अभी देख रही हूं कि इसकी शुरुआत अमर उजाला में छपी खबर से हुई है। दैनिक भास्कर ने अभी कुछ नही कहा है हालाकिं जिसने खबर लिखी है उसने फोन कर माफी मांग ली है। अगली पोस्ट में उसका नाम और उसकी ऑडियो रिकॉर्डिंग सब सुनाऊँगी।

Advertisement

मैंने साफ कहा है, मेरा कहा सुनाओ, दिखाओ, या गवाह सामने लाओ।
नही तो माफी मांगो।
यह भी आज देख रही हूं कि बहुतों की कुंठाएं और इर्ष्याएं भभक उठीं है अच्छा लगा, ऐसे द्वेषदग्ध कलुषित आत्माओं के दर्शन हुए। आनंद हुआ।
सदा की तरह अपने मित्र इष्ट शुभचिंतक मेरी ताक़त बन सामने हैं।
माना कि यह कलयुग है, लेकिन षड्यंत्रकारी विघ्नकर्ता, जान समझ लें,
मैं मैं, हूँ।।
और आज कालरात्रि है।

Advertisement

दरअसल बीती शाम कुछ मीडिया घरानों ने ये खबर छापी थी कि लोकगायिका मालिनी अवस्थी ने बीएचयू में हुए लड़कियों पर लाठीचार्ज का समर्थन किया है, BHU Campusउन्होने कहा कि जब लड़कों पर लाठीचार्ज हो सकता है, तो लड़कियों पर क्यों नहीं ? इसी मसले पर मालिनी अवस्थी ने दावा ठोंकते हुए कहा कि उन्होने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है, उनके खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है।

(लोकगायिका मालिनी अवस्थी के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)