युवराज के संन्यास से संतुष्ट नहीं पिता योगराज सिंह, भावुक हो कहा अधूरी रह गई मेरी ख्वाहिश

योगराज सिंह ने कहा युवी को क्रिकेटर बनाने के लिये अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया, अपने घर को क्रिकेट के मैदान में तब्दील कर दिया।

New Delhi, Jun 11 : स्टाइलिश क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह बेटे के रिटायरमेंट से संतुष्ट नहीं हैं, उन्होने कहा कि मेरी ख्वाहिश अधूरी रह गई, जो अब कभी पूरी नहीं हो पाएगी। उन्होने कहा कि मेरा पुत्तर मैदान पर बल्ला उठाकर फैंस का शुक्रिया अदा करते हुए संन्यास लेता, तो अच्छा होता, हालांकि ऐसा नहीं हो सका, ताउम्र मुझे इसका मलाल रहेगा, कि मेरी ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकी, इसके साथ ही योगराज सिंह ने बीसीसीआई का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि कैंसर के दौर में बोर्ड ने युवी की पूरी मदद की, मेडिकल से लेकर हर तरह की सुविधाएं दी, वो दौर मेरे परिवार को सबसे बुरा दौर था।

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रो पड़ा युवराज
योगराज सिंह ने कहा कि करीब दस दिन पहले जब मैं एक डॉक्यूमेंट्री के लिये चंडीगढ के सेक्टर 16 के स्टेडियम में बैठे थे, तो उसने मुझसे अपने रिटायरमेंट की बात की, इस बात को लेकर हम दोनों एक-दूसरे की बांहों में लेकर काफी देर तक बैठे रहे, इस दौरान युवी की आंखों से आंसू छलक पड़े, मैं भी काफी भावुक हो गया था।

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युवी तोड़ देता सारे रिकॉर्ड
युवी के पिता ने कहा कि फुटबॉल में अगर किसी खिलाड़ी का घुटना टूट जाए, तो शायद वो कभी वापसी नहीं करता है, अगर किसी को कैंसर हुआ हो, तो मुझे लगता है कि वो वापसी नहीं करेगा, लेकिन मेरे बेटे ने घुटने टूटने और कैंसर को मात देने के बाद भी चैंपियन की तरह मैदान में लौटा, मैं अपने बेटे को सैल्यूट करता हूं, अगर उसका घुटना नहीं टूटता, कैंसर ना हुआ होता, तो शायद क्रिकेट के सारे रिकॉर्ड युवी तोड़ देता।

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बेटे पर नाज
युवराज के पिता ने कहा कि मुझे अपने बेटे पर नाज है, उसने मेरी जिद के लिये अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया, मेरी भगवान से यही प्रार्थन है कि युवी ही अगले जन्म में मेरा बेटा हो और क्रिकेट में देश का नाम रोशन करे, उन्होने कहा कि करीब चालीस साल पहले मुझे टीम इंडिया से ड्रॉप किया गया था, जिसका दर्द मैं आजतक नहीं भूला हूं, तभी मैंने ठान लिया था कि बेटे को भारतीय टीम में जगह दिलाऊंगा।

सबकुछ न्योछावर कर दिया
योगराज सिंह ने कहा युवी को क्रिकेटर बनाने के लिये अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया, अपने घर को क्रिकेट के मैदान में तब्दील कर दिया, मेरी मां कहती थी, युवी को क्रिकेटर बनाने के जुनून में सब खराब मत कर देना लेकिन मैंने किसी की नहीं सुनी, ना मां की, ना पत्नी की, दिन-रात लगा रहा, मुझे उसका फल भी मिला, जो सपना मेरी आंखों में देखा था, जो ना कर पाने की टीस मेरे दिल में थी, वो मेरे बेटे ने पूरी की।

Posted by Yuvraj Singh on Monday, June 10, 2019