Opinion – शिवसेना का जेहाद, खीर में हींग का छौंका लगा है

अगले रविवार को (17 नवम्बर) को शिवाजी पार्क में पोते का शपथ ग्रहण देखने कार्टूनिस्ट रहे, बाल ठाकरे की रूह पुण्य तिथि पर रूबरू होगी| अगर सोनिया की वक्रदृष्टि ना हुई तो|

New Delhi, Nov 16 : यदि चौपाटी से सटे अरब सागर की लहरें बीस फिट उफन कर मलाबार हिल्स पर बने राज भवन (मुंबई) में हेल जातीं तो भी इतनी हैरत न होती, जितनी सोनिया कांग्रेस और पवार कांग्रेस के दम पर शिवसेना द्वारा राज्यपाल से सरकार बनाने का दावा पेश करने हेतु भेंट पर कईयों को हुई| इंदौर के मेरे संपादक साथी कीर्ति राणा ने कहा कि खीर में हींग का बघेर (छौंका) लगा है|

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पुराने दोस्त पटना के सुरेन्द्र किशोर ने कहा कि लर्नर लाइसेंस वाले को नेशनल हाइवे पर ट्रक चलाने का मौका शायद दे दिया जाय ! अर्थात् जो कभी नगर पार्षद नहीं रहा वह (आदित्य ठाकरे) मुख्य मंत्री बने| अगले रविवार को (17 नवम्बर) को शिवाजी पार्क में पोते का शपथ ग्रहण देखने कार्टूनिस्ट रहे, बाल ठाकरे की रूह पुण्य तिथि पर रूबरू होगी| अगर सोनिया की वक्रदृष्टि ना हुई तो| पोते के पितामह बाल ठाकरे ही थे जिन्होंने इंदिरा गाँधी की आकृति कभी चुड़ैल वाली बनाई थी |
जो भी हो मुंबई में अब अलंकारिक सरकार बनेगी| इतालवी सोनिया को फिरंगी बताकर पुराने कांग्रेसी शरद पवार ने राष्ट्रवादी पार्टी गढ़ी थी| तो क्या अब दोनों कांग्रेस अंकमाल करके असली कांग्रेस कहलायेंगी?

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अपनी हर सभा में (मेरी आँखों के समक्ष) बाल ठाकरे शिवाजी पार्क की जनसभा के मंच पर से झांक कर खोजते थे कि कहीं शरद पवार श्रोताओं में विद्यमान तो नहीं हैं| उस दौर में शरद पवार यशवंत चव्हाण से रूठे रहते थे| बाद में जनता पार्टी से मिलकर उन्होंने सत्ता पा ली| मगर अब ये तीनों (पवार, सोनिया और उद्धव) अलीबाबा के वेष में सर्वाधिक धनी राज्य महाराष्ट्र के कोष को खंगालेंगे| क्या वे सब करीना कपूर के पुत्र तैमूर के ऐतिहासिक नामाराशि का रोल निभाएंगे? तैमूर लंग ने चाँदनी चौक को लूटा था| नरमुण्ड का अम्बार लगाया था| शायद ठाकरे पिता-पुत्र नया कीर्तिमान रचना चाहते हैं|

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मगर दारोमदार सब सोनिया गाँधी पर निर्भर है| उनका मन तो चाहेगा कि महाराष्ट्र से भाजपा कटे| मुंबईवासी अम्बानी-अडाणी को निर्बल किया जाय | मगर हिंदुत्व के कट्टर शत्रु रहे उनके पिता (दोनों प्रधानमन्त्रीजन) की रूह से उस लोक में नजरें चार वे कैसे कर पाएंगी ? महाराष्ट्र की शुगर, विल्डर और देशी शराब लावियों, शिक्षा माफिया, खनन माफिया से सोनिया–प्रियंका दूर रह पाएंगी? सेक्युलर जन इबादत और प्रेयर, चन्द लोग अर्चना भी, कर रहे होंगे कि सोनिया लालच से उबरें, सद्बुद्धि पायें| हालाँकि जेपी सेनानी मुजफ्फरपुर वाले अनिल सिन्हा को संदेह है कि अपने चरित्र के अनुसार कांग्रेस शिव सेना को छत पर चढ़ाकर सीढ़ी खींच लेगी।

(वरिष्ठ पत्रकार के विक्रम राव के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)