उन 64 डॉक्टरों के लिए दिया जलाइए जो कोरोना पीड़ितों का इलाज करते करते खुद संक्रमित हो गए

शेख सादी ने सही कहा कि इस अकाल ( कोरोना ) में इश्क करना लोग भूल गए हैं । अरे उन 64 डॉक्टरों के लिए दिया जलाइए जो कोरोना पीड़ितों का इलाज करते करते खुद संक्रमित हो गए।

New Delhi, Apr 05 : ” चुनां कहत शाले शुदन दर दमिश्क
कि यारां फ़रामोश कर्दंद इश्क। ” —- शेख सादी
मतलब – एक बार फारस में अकाल पड़ा तो लोग इश्क़ करना भी भूल गए।
कोरोना ने दुनिया वालो के सामने ऐसा माहौल खड़ा कर दिया है कि लोग संस्कार भूल गए । पठानकोट में आतंकी घटना के बाद भारत मे मोमबत्ती जलाया गया । क्या मोमबत्तियों से आतंकियों का दिल पिघल गया । दिल्ली में निर्भया बलात्कार और हत्या के बाद मोमबत्तियां जलाई गई । इससे निर्भया के हत्यारे अपराधबोध से ग्रस्त होकर आत्महत्या कर लिए क्या ?

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जब भी देश और दुनिया मे कोई अप्रिय स्थिति आयी लोग एकजुटता , सहानुभूति , आक्रोश और संवेदना दिखाने के लिए किसी माध्यम का सहारा लेते हैं । कोरोना ने देश मे आफत खड़ा किया है । तो लोग मोदी को कोसने , उनकी अपील का मजाक उड़ाने और उनके आग्रह का वैज्ञानिक आधार खोजने में लगे हैं । वे भूल गए कि वे भी जेएनयू कैम्पस में डफली बजाकर आजादी मांगने का ढोंग कर रहे थे । देश मे रोज रात में लोग बत्तियां बुझाकर ही सोते हैं लेकिन मोदी ने बत्ती बुझाने कहा तो हड़कंप मच गया । बिजली ग्रिड उड़ जाएगा , इसका वैज्ञानिक मतलब बताने का गुहार लगाने लगे । भैया , तुम अपने बाप को बाबा , पिता , डैडी , पापा , अब्बू क्यों कहते हो इसका भी कोई वैज्ञानिक आधार है क्या ? ठीक है सम्बन्ध जताने औऱ बताने के लिए ऐसा करना चाहिए लेकिन सम्बन्ध की पुख्ताई के लिए अपना और अपने पिता का डीएनए टेस्ट भी करवाओगे । इस संबंध का वैज्ञानिक आधार तो तभी मिलेगा ।

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पृथ्वी दिवस पर पूरी दुनिया आधे घंटे तक बिजलियां बुझाता रहा है । तब कोउ ग्रिड नही उड़ा । प्रधानमंत्री को बताना चाहिए था कि दिया जलाने से क्या होगा — अब प्रधानमंत्री को क्या पता आप इतने बड़े पप्पू हैं कि हर बात पर ( A+B)2 = A2 + B2 + 2AB वाला गणित बताना होगा । फिर कहेंगे मोदी ने तैयारी क्या की है यह बताना चाहिए था । माने 130 करोड़ लोगों का प्रधानमंत्री यह बताते फिरे कि पटपड़गंज में मास्क भिजवा दिया , हिनपीढ़ी में सैनिटाइजर , कुम्हार टोली में दवाई , उमेडण्डा में जांच किट , बुढ़मू में एम्बुलेंस , गांडे में डॉक्टरों की टीम , हुरहुरी में खाने का इंतजाम , ठेठईटांगर में पुलिस ……. । अरे गनीमत मनाइए कि देश को एक काबिल प्रधानमंत्री मिला है वरना मौनी बाबा को एक एक फैसले के लिए मैडम के आदेश का इंतजार करना पड़ता । ये हम नही कहते पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस के दमदार नेता प्रणव मुखर्जी साहब ने सार्वजनिक रूप से लिखा है।

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संकट की इस घड़ी में साथ न देकर कांग्रेस बीजेपी जपे जा रहे हैं । शेख सादी ने सही कहा कि इस अकाल ( कोरोना ) में इश्क करना लोग भूल गए हैं । अरे उन 64 डॉक्टरों के लिए दिया जलाइए जो कोरोना पीड़ितों का इलाज करते करते खुद संक्रमित हो गए , उन पुलिसवालों के लिए दिया जलाइए जिन्होंने घरबार छोड़कर लॉक डाउन को सफल बनाने के लिए दिन रात एक कर दिया है , उन स्वास्थ्यकर्मियों के लिए जो मौत का वायरस देखकर भी सेवा में लगे हैं , उन पत्रकारों के लिए भी जो मैदान में जाकर रिपोर्टिंग कर रहे हैं , उन जाबांजो के लिए भी जो आवश्यक सेवा बाधित न हो इसके लिए जुटे हुए हैं । और तर्क ही करना है तो बाप वाले सवाल का जवाब दीजिए तभी आपकी बात का भेलू देंगे । जै रामजी ।

(वरिष्ठ पत्रकार योगेश किसलय के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)