लद्दाख से हटने को क्‍यों तैयार नहीं है चीन ? अब सामने आया है असली कारण

इंडो-चाइना सीमा विवाद गहराता जा रहा है, जानकारों के मुताबिक चीनी सेना का उद्देश्‍य सिर्फ सीमा का फैलव ही नहीं है बल्कि कुछ और भी है । पढ़ें पूरी खबर …

New Delhi, May 23: भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा विवाद बढ़ गया है, बतिरोध लगातार जारी है । हालांकि दुनिया भर से भारत को समर्थन मिल रहा है लेकिन चीन पीछे हटने को तैयार नहीं । हालत ये हो गई है कि चीनी सेना के हजारों सैनिक गलवान रिजन में 3 जगहों पर भारतीय इलाके में घुस आए हैं । खबर तो ये भी है चीनी सैनिक पैंगोंग सो झील से सटे फिंगर एरिया में बंकर तक बना रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक इसके पीछे सिर्फ सामरिक उद्देश्‍य ही नहीं है बल्कि चीन को एक बहुद बड़े फायदे की उम्‍मीद है ।

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बहुमूल्‍य धातुओं का खजाना
दरअसल लद्दाख क्षेत्र यूरेनियम, ग्रेनाइट समेत सोने और रेअर अर्थ जैसी बहुमूल्‍य धातुओं से भरा हुआ इलाका है । प्राचीन समय में 10 हजार ऊंटों और घोड़ों के जरिए लद्दाख के रास्‍ते चीन से व्‍यापार होने की बात कही जाती है ।   बताया जाता है कि लेह के रास्‍ते ये ऊंट और घोड़े चीन के यारकंद, सिनकिआंग और तिब्‍बत की राजधानी ल्‍हासा तक जाया करते थे । ये समय दोनों देशों के बीच बेहतरीन व्‍यापार का समय था । दरअसल, वो जगह जहां भारत औश्र चीन में सीमा विवाद छिड़ा हुआ है यानी कि गलवान रिजन, ठीक उसके बगल में स्थित गोगरा पोस्‍ट के पास ‘गोल्‍डेन माउंटेन’ है।

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बहुत अमूल्‍य हैं ये धातुएं
हालांकि अभी ये कहना मुमकिन नहीं है चीन की असली मंशा क्‍या है, क्‍योंकि इस इलाके में अभी ज्‍यादा सर्वे नहीं किया गया है । लेकिन क्षेत्र में सोने समेत कई बहुमूल्‍य धातुएं छिपी हुई हैं, इस पर अधिक शंका नहीं है । लद्दाख के कई इलाकों में हाई क्‍वालिटी यूरेनियम के भंडार मिले हैं । जिससे ना सिर्फ परमाणु बिजली बनाई जा सकती है, बल्कि न्‍यूक्लिय बम तक बनाए जा सकते हैं ।

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2007 में हुआ था खुलासा
लद्दाख की चट्टानों में सबसे ज्‍यादा यूरेनियम पाया जाता है, इस बात का खुलासा साल 2007 में जर्मनी की लैब में हुआ, जब यहां चट्टानों के नमूनों की जांच की गई । लद्दाख क्षेत्र भारतीय और एशियाई प्‍लेट के बिलकुल बीच में स्थित है । 50 से 60 मिलियन साल पहले दोनों प्‍लेटों के बीच टक्‍कर के बाद ही हिमालय का निर्माण हुआ था और इसी उभरी लद्दाख की चट्टान को भूगर्भविज्ञानी खनिज पदार्थों से समृद्ध बनाते हैं। भारत में इस तरह की यूरेनियम से भरी चट्टानें आंध्र प्रदेश, छत्‍तीसगढ़ और झारखंड में भी पाई जाती हैं लेकिन वे 2500 से लेकर 3000 मिलियन साल पुरानी हैं ।

परमाणु बम बनाना चाहता है चीन
इन दिनों अमेरिका से चीन की जबरदस्‍त तनातनी चल रही है, ऐसे में चीनी जानकारों ने सरकार को उनका परमाणु बमों का जखीरा बढ़ाने को कहा है । चीन के सरकारी न्‍यूज पेपर ग्‍लोबल टाइम्‍स के संपादक हू शिजिन के मुताबिक अमेरिका से निपटने के लिए चीन को अपने परमाणु वॉरहेड की संख्या को बढ़ाकर 1000 करनी होगी । बताया जाता है कि चीन के पास अभी करीब 260 परमाणु बम है । उसे 1000 परमाणु बम बनाने के लिए ढेर सारा यूरेनियम चाहिए होगा, जिसके लिए लद्दाख क्षेत्र उपयुक्‍त है  ।