बीजेपी के सामने कांग्रेस ने खेला सबसे बड़ा दांव, चुनावी मैदान में आमने-सामने होंगे दो जिगरी दोस्त!
खास बात ये है कि एमपी में जिन 28 सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव होने हैं, उनमें से ज्यादातर सीटें ग्वालियर चंबल इलाके की है, जिसे सिंधिया का प्रभाव क्षेत्र माना जाता है।
New Delhi, Sep 17 : मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जिसे लेकर बीजेपी और कांग्रेस की तैयारियां जोरों पर है, हालांकि चुनाव की घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन सत्ताधारी बीजेपी को उपचुनाव में मात देने के लिये कांग्रेस पूरा दम-खम लगा रही है, खासकर कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा उनके प्रभाव वाली ग्वालियर-चंबल इलाके की सीटों पर पार्टी का पूरा फोकस है, ऐसे में कांग्रेस ने हाल के दिनों में बगावती तेवर दिखाने वाले तेज-तर्रार युवा नेता सचिन पायलट को एमपी चुनाव में उतारने का प्लान बनाया है।
सोची-समझी रणनीति
सचिन पायलट को एमपी चुनाव में उतारने के पीछे कांग्रेस की सोची-समझी रणनीति है, दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट करीबी दोस्त रहे हैं, पायलट ने जब राजस्थान में बगावती तेवर दिखाये थे, तो सिंधिया ने उनके समर्थन में बयान भी दिया था, पायलट को सिंधिया के खिलाफ चुनाव प्रचार में उतारकर कांग्रेस एक कारगर गेम प्लान के साथ मैदान में उतरना चाहती है।
ग्वालियर चंबल की सीटें
खास बात ये है कि एमपी में जिन 28 सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव होने हैं, उनमें से ज्यादातर सीटें ग्वालियर चंबल इलाके की है, जिसे सिंधिया का प्रभाव क्षेत्र माना जाता है, इसी साल मार्च में ज्योतिरादित्य ने कमलनाथ सरकार से बगावत कर बीजेपी में शामिल हुए, तब सिंधिया के समर्थन में कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दिया था, इसके बाद प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार बनी, सिंधिया समर्थक ज्यादातर विधायक इन्हीं इलाके से आते हैं, एमपी का ये इलाका राजस्थान से सटा हुआ भी है, ऐसे में कांग्रेस को उम्मीद है कि सचिन पायलट का चुनाव प्रचार यहां सिंधिया पर भारी पड़ सकता है।
प्रचार करने का आग्रह
सचिन पायलट ने हाल ही में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि एमपी के पूर्व सीएम तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने उनसे उपचुनाव में प्रचार करने का आग्रह किया है, सचिन ने कहा कि वो पार्टी के लिये निश्चित रुप से काम करेंगे, साथ ही उन्होने कहा कि कांग्रेस का एक जिम्मेदार नेता होने के नाते ये उनका कर्तव्य है कि पार्टी को जब उनकी जरुरत हो, तो वह वहां मौजूद रहें।
गुर्जर वोटों पर नजर
मालूम हो कि एमपी में जिन 28 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से 16 सीटें ग्वालियर चंबल इलाके की है, इनमें से कई सीटें ऐसी है, जिन पर गुर्जर वोटरों का दबदबा है, ऐसे में राजस्थान के दिग्गज नेता सचिन पायलट कांग्रेस के लिये महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं, पार्टी इसी सोच तथा उम्मीद के साथ सचिन को सिंधिया के प्रभाव वाले इलाकों में उतारने का प्लान बना रही है, अब देखना दिलचस्प होगा, कि चुनावी मैदान में दो जिगरी दोस्त एक-दूसरे के खिलाफ किस अंदाज में बोलते हैं।