मनोज बाजपेयी का स्ट्रगल सुन कांप जाएंगे आप, कई रातें भूखे सोये, तो उधार लेकर काम किया

पैसे नहीं होने के कारण मनोज बाजपेयी को कई बार भूखे पेट सोना पड़ा, ईटाइम्स को दिये इंटरव्यू से मनोज बाजपेयी ने अपने संघर्ष के बारे में बताया।

New Delhi, Oct 19 : बॉलीवुड में अलग तरह के रोल कर मनोज बाजपेयी ने अपनी पहचान बनाई है, इस पहचान के लिये उन्होने जीतोड़ मेहनत की है, उन्होने अपने टैलेंट और लगन के दम पर अपने फैंस के साथ-साथ दर्शकों के दिल में भी खास जगह बनाई है, मनोज जब मुंबई आये, तो शुरुआत के 4 से 5 साल तक उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, शुरु के तीन साल को पर्सनली और प्रोफेशनली दोनों में बेहद मुश्किलें झेली, कई बार को खाना खाने तक के पैसे नहीं होतो थे, खाना खाने को कब मिलेगा ये भी नहीं पता था।

Advertisement

बिहार से ताल्लुक
मनोज बाजपेयी मूल रुप से बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के बेलवा गांव से ताल्लुक रखते हैं, उन्होने स्कूल पास करने के बाद दिल्ली में थिएटर किया, 4Manoj Bajpayee5 फिर मुंबई पहुंचे, सिल्वर स्क्रीन पर किरदार को रियल की तरह जीवंत कर देने की अद्भुत क्षमता के कारण उनके इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई। इसके लिये बाजपेयी ने इतना संघर्ष किया है, जितना कोई करने की सोच भी ना सके, संघर्ष करते समय ऐसे भी दिन उन्होने देखे, जब उनके पास खाना खाने तक को पैसे नहीं थे।

Advertisement

भूखे पेट सोये
पैसे नहीं होने के कारण मनोज बाजपेयी को कई बार भूखे पेट सोना पड़ा, ईटाइम्स को दिये इंटरव्यू से मनोज बाजपेयी ने अपने संघर्ष के बारे में बताया, Manoj Bajpayee2 उन्होने फिल्म इंडस्ट्री में बतौर आउटसाइडर अपने संघर्ष के बारे में बताया, मनोज बाजपेयी ने कहा बैंडिट क्वीन के बाद फिल्म से जुड़े कई एक्टर मुंबई शिफ्ट हो गये, शुरुआत में मुंबई में जिंदगी का सबसे बुरा दौर देखा।

Advertisement

दोस्त मदद करते थे
मुंबई में शुरुआती दिलों में ना पैसा था और ना काम, दिल्ली में कम से कम थिएटर तो कर रहे थे, दिल्ली में भले ही पैसा नहीं मिलता था, लेकिन दोस्त मदद करते थे, Manoj Bajpayee1 दोस्त खाना तो खिला ही दिया करते थे, मुंबई में तो कामि भी नहीं और खाना खाने के पैसे भी नहीं थे, ये भी नहीं पता था कि खाना कब मिलेगा।