Opinion – जब मज़हब भारी हो जाता है तो एक जिन्ना खड़ा हो जाता है और पाकिस्तान पैदा हो जाता है

Dayanand Pandey

Opinion – जब मज़हब भारी हो जाता है तो एक जिन्ना खड़ा हो जाता है और पाकिस्तान पैदा हो जाता है

दरअसल मोहम्मद अली जिन्ना नाम नहीं , प्रवृत्ति है । दुर्भाग्य से भारत में पाकिस्तान और जिन्ना के लिए खून बहाने वाले बहुतेरे हैं । New Delhi, May 04 :…
‘आज यह दलाई लामा जी ,चबा चबा कर ज्ञान बघारते हैं तो कष्ट होता है’

Shesh Narain Singh

‘आज यह दलाई लामा जी ,चबा चबा कर ज्ञान बघारते हैं तो कष्ट होता है’

दलाई लामा इस देश में एक शरणार्थी हैं .जिस देश ने उनको शरण दी है उसके आतंरिक मामलों के बारे में उनको गैर ज़िम्मेदार बयान नहीं देना चाहिए। New Delhi,…
जिन्ना हमारे अतीत का हिस्सा हैं इतिहास नहीं

Pankaj Chaturvedi

जिन्ना हमारे अतीत का हिस्सा हैं इतिहास नहीं

जिन्ना का आज़ादी की लडाई में योगदान रहा है, सन १९३९ तक वह एक साझा मुल्क की आज़ादी का लड़ाका था- फिर पाकिस्तान बनाने की मांग, अंग्रेजों द्वारा उन्हें उकसाना।…
क्या आप भी जिन्ना की तस्वीरवाले स्वप्न’रोष’ से पीड़ित हैं ?

Sushant Sinha

क्या आप भी जिन्ना की तस्वीरवाले स्वप्न’रोष’ से पीड़ित हैं ?

लेकिन सवाल ये है कि स्वप्नरोष क्या है और इसका जिन्ना विवाद से क्या लेना देना है? New Delhi, May 09 : इस आर्टिकल को पढ़ने से पहले अपनी नब्ज़…
‘जिन्ना को बढ़िया से जानो और सावरकर को समझो’

Rajiv Nayan Bahuguna

‘जिन्ना को बढ़िया से जानो और सावरकर को समझो’

अलीगढ़ मुस्लिम विश्व विद्यालय में लगे जिन्ना के चित्र को श्रद्धा का नहीं , अपितु इतिहास का विषय मानना चाहिए। New Delhi, May 09 : जिन्ना को बढ़िया से जानो…
जिन्ना और डायरेक्ट एक्शन डे : एक ऐतिहासिक तथ्य

Prakhar Srivastav

जिन्ना और डायरेक्ट एक्शन डे : एक ऐतिहासिक तथ्य

जिन्ना के मुस्लिम लीगी मंत्रिमंडल के एक आदेश से इसकी जांच रोक दी गयी, क्योंकि इस जांच में मुख्यमंत्री सुहरावर्दी व अनेक लीगी मंत्रियों की भूमिका स्पष्ट रूप से सामने…
आज सत्तर साल बाद जिन्ना से मुहब्बत या नफरत को लेकर बहस ही क्यों हो?

Sarat Sankrityayan

आज सत्तर साल बाद जिन्ना से मुहब्बत या नफरत को लेकर बहस ही क्यों हो?

आज जिन्ना की तस्वीर पर बवाल है। होना भी चाहिए। जिसने देश का बंटवारा करवाया उसकी तस्वीर को हम क्यूं सजाएं? New Delhi, May 06 : स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर…
गांधी की मूर्ति हृदय में रखिए, जिन्ना की तस्वीर कूड़ेदान में डाल दीजिए- अभिरंजन कुमार

Abhiranjan Kumar

गांधी की मूर्ति हृदय में रखिए, जिन्ना की तस्वीर कूड़ेदान में डाल दीजिए- अभिरंजन कुमार

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जिन्ना की तस्वीर लगे होने का विवाद भी कुछ ऐसा ही है, जो बहुत ज़रूरी नहीं था। New Delhi, May 06 : जिन्ना विवाद पर मैं…
इन महापुरुषों को याद करने की फुर्सत नहीं, उधार के ‘बाप’ के लिये लड़ मर रहे हैं

Yogesh Kislay

इन महापुरुषों को याद करने की फुर्सत नहीं, उधार के ‘बाप’ के लिये लड़ मर रहे हैं

मार्क्स की थ्योरी को अब तो चीन में भी दुत्कार दिया गया है । उसे लेकर यहां झंडा थामे लोग मार्कसाय नमः किये हुए हैं। New Delhi, May 06 :…
शराब पीने वाला ‘शराबी’ कहलाता है, उसे ‘सेक्युलर’ कबसे कहा जाने लगा ?

Abhiranjan Kumar

शराब पीने वाला ‘शराबी’ कहलाता है, उसे ‘सेक्युलर’ कबसे कहा जाने लगा ?

"भाड़ में जाए ऐसी सेक्युलरिज़्म। शराब पीने वाला शराबी कहलाता है, उसे सेक्युलर कब से कहा जाने लगा? New Delhi, May 06 : बातों-बातों में एक मित्र अनेक प्रसंगों से…
1920 के पहले और 1935 के बाद के जिन्नाह में बहुत फ़र्क है

Shesh Narain Singh

1920 के पहले और 1935 के बाद के जिन्नाह में बहुत फ़र्क है

जिन्नाह को जब पाकिस्तान की संविधान सभा का सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया था तो उस पद को स्वीकार करने के लिए उन्होंने जो भाषण दिया था , आम तौर…