Opinion: हिंदी का दर्द चीन्हें ! UP बोर्ड के 8 लाख परीक्षार्थी हिंदी में फेल (अनुत्तीर्ण) हो गए

K Vikram Rao

Opinion: हिंदी का दर्द चीन्हें ! UP बोर्ड के 8 लाख परीक्षार्थी हिंदी में फेल (अनुत्तीर्ण) हो गए

इन लोगों ने पसीना बहाकर हिंदी सीखी है| घर की दालान या अहाते से नहीं उठाई | फिर भी प्रदेश शासन और अध्यापन-व्यवस्था इतनी गलीज क्यों? मातृ-भाषा में ही आठ…
Opinion – हिंदी दिवस- इसमें अमित शाह ने क्या गलत कह दिया?

Ved Pratap Vaidik

Opinion – हिंदी दिवस- इसमें अमित शाह ने क्या गलत कह दिया?

यदि हिंदी भी अंग्रेजी की तरह शोषण और ठगी की भूमिका निभाएगी तो उसका सबसे बड़ा विरोधी मैं होऊंगा। उसमें अमित शाह जैसे लोग भी मेरे साथ होंगे। New Delhi,…
2050 में दुनिया की सबसे बड़ी भाषा ! ज़रूरी है कि हम आप हिंदी को अपने स्वाभिमान से जोड़ना सीखें

Dayanand Pandey

2050 में दुनिया की सबसे बड़ी भाषा ! ज़रूरी है कि हम आप हिंदी को अपने स्वाभिमान से जोड़ना सीखें

हिंदी अब विश्वविद्यालयी खूंटे को तोड़ कर आगे निकल आई है।कोई भाषा बाज़ार और रोजगार से आगे बढती है। हिंदी अब बाज़ार की भाषा तो बन ही चुकी है, रोजगार…
कण भर लोग मन भर लोगों पर अपना राज चला रहे हैं

Dr. Ved Pratap Vaidik

कण भर लोग मन भर लोगों पर अपना राज चला रहे हैं

हमारे अधपढ़ और कमअक्ल नेताओं को देश में सच्चा लोकतंत्र  स्थापित करने की प्रक्रिया कब समझ में आएगी ? आज भी कण भर लोग मन भर लोगों पर अपना राज…
हे राष्ट्रवादियों ! हिन्दी और उर्दू के बीच अपनी टांग ना फंसाओ

Ajit Anjum

हे राष्ट्रवादियों ! हिन्दी और उर्दू के बीच अपनी टांग ना फंसाओ

इश्क और मुश्क छिपाए नहीं छिपते …जंग में हर चीज जायज है जैसे उन मुहावरों का क्या करिएगा जो हमारे संप्रेषण को ऊंचाई देते हैं। New Delhi, Jun 12 :…
क्या आप पत्रकारिता के पेशे को इतना क्रूर बना देना चाहते हैं ?

Nilotpal Mrinal

क्या आप पत्रकारिता के पेशे को इतना क्रूर बना देना चाहते हैं ?

क्या ये जरुरी है हरदम जो पत्रकार कैमरा ले के चले वो आपके लिए बस रोमांच और सनसनी ही शूट करे? क्या सच में पत्रकारिता को आप लठैती का धंधा…
पुरस्कार की राजनीति होती है और राजनीति के पुरस्कार होते हैं

Upendra Chaudhary

पुरस्कार की राजनीति होती है और राजनीति के पुरस्कार होते हैं

बाज़ार की इजाज़त तब मिलती है, जब कोई किताब बेस्ट सेलर होकर, पेंटिंग या म्यूज़िक एलबम बाज़ार के सर चढ़कर करोड़ों-अरबों का कारोबार कर ले जाते हैं। New Delhi, May…

OM Thanvi

मर्मस्पर्शी भावों को अनाथ कर गए केदारनाथ

केदारनाथ सिंह : आज दिन में मैंने एक कविता बार-बार उनकी याद आने पर पोस्ट की। पर एक कविता अपने साथी पत्रकार प्रदीप पांडेय को सुनाई। उसे तब पोस्ट नहीं…
अंग्रेजी भाषा से मोह, क्या योग्यता का प्रमाण विदेशी भाषा है

Surendra Kishore

अंग्रेजी भाषा से मोह, क्या योग्यता का प्रमाण विदेशी भाषा है

अंग्रेजी की अनिवार्यता समाप्त करने के पीछे ठोस तर्क थे। तब छात्र इंग्लिश विषय में मैट्रिक फेल कर जाने के कारण सिपाही में भी बहाल नहीं हो पाते थे। New…
केरल के फैसले मलयालम और बिहार के फैसले हिंदी में क्यों न हो ?

Dr Ved Pratap Vaidik

केरल के फैसले मलयालम और बिहार के फैसले हिंदी में क्यों न हो ?

यदि फैसले अंग्रेजी में हों तो एक-दो दिन बाद वे स्थानीय भाषा में क्यों नहीं उपलब्ध कराये जा सकते? कोविंद ने अपनी अदालतों पर हिंदी थोपने की बात नहीं की।…