सामने आया राहुल गांधी का ढोंग, कांग्रेस की वंशवादी, सामंती सोच बेनकाब !

कांग्रेस वंशवाद में यकीन करती है और राहुल गांधी वंशवाद के सबसे बड़े प्रतीक हैं। जिन्हे बिना कुछ किए ही कांग्रेस का सिंहासन मिलने वाला है। ये सामंती विचारधारा कब खत्म होगी।

New Delhi, Aug 17: कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है, जो लगातार अपने पतन की ओर अग्रसर है, इसके कई कारण है, जिन पर कांग्रेस का आलाकमान विचार तक करने को तैयार नहीं है। यहीं से शुरू होती हा वंशवादी सामंती परंपरा, जिसका पालन कांग्रेस करती आ रही है। राजतंत्र में राजा की तरफ उंगली उठाना अपराध माना जाता था। उसी तरह से कांग्रेस में गांधी परिवार की तरफ उंगली उठाना या फिर सवाल करना अपराध माना जाता है। ये कौन सी विचारधारा है. क्या ये सामंती सोच नहीं है कि कांग्रेस का नेतृत्व गांधी परिवार के अलावा कोई और कर ही नहीं सकता है। कांग्रेस अभी उस सोच से उबर नहीं पाई है कि वो सत्ता के लिए ही बनी है।

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कांग्रेस के युवराज राहुल ने बड़े पुरजोर तरीके से कहा था कि वो वंशवाद की राजनीति को खत्म करना चाहते हैं। वो चाहते हैं कि देश का युवा राजनीति में आए। हैरानी की बात तो ये है कि वंशवाद के सबसे बड़े प्रतीक खुद राहुल गांधी हैं। क्या वो ये बताने का कष्ट करेंगे कि राजनीति में उनकी अब तक की उपलब्धि क्या रही है। वो गांधी नेहरू परिवार में पैदा हुए और अपने आप राज सिंहासन के उत्तराधिकारी हो गए। लगातार विफलताओं के बाद भी राहुल को भविष्य का नेता मानना कांग्रेसी नेताओं की संकीर्ण वंशवादी और सामंती सोच का उदाहरण है। कांग्रेसी नेता खुद ये मान चुके हैं कि कांग्रेस एक वंशवादी पार्टी है। क्या कारण है कि कांग्रेस का कोई नेता ये नहीं कहता है कि वो पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव लडना चाहता है।

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कांग्रेस की इसी सामंती सोच का एक जीता जागता उदाहरण राहुल गांधी ने खुद दिया। कर्नाटक के बैंगलुरू में इंदिरा कैंटीन की शुरूआत के मौके पर राहुल ने जो कहा वो उसी सोच का परिचायक है। उन्होंने कहा कि हम ने गरीबों के कल्याण के लिए ये कैंटीन शुरू की है। हम से उनका क्या मतलब था। जनता द्वारा चुनी गई एक सरकार जनता के लिए काम कर रही है तो इसमें हम कहां से आ गया। ये जनता का अपमान तो है ही, साथ में सामंती सोच भी दिखाता है। इतना ही नहीं इसी कार्यक्रम के दौरान एक पोस्टर भी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने लगाया था। ये पोस्टर लोकतंत्र में स्थापित राजतंत्र की झलक दिखा रहा है।

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कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के सोचने की क्षमता पर सवालिया निशान लगा रहा है। इंदिरा कैंटीन के उद्घाटन के मौके पर लगे इस पोस्टर में इंदिरा गांधी और राहुल गांधी दिख रहे हैं। राहुल के बचपन की तस्वीर है ये। तस्वीर में इंदिरा बालक राहुल को इशारा करके कुछ दिखा रही हैं। ये तस्वीर कांग्रेस ने क्यों चुनी इस का जवाब इसी फोटो में छिपा है। दरअसल कांग्रेस को गांधी परिवार से इतर कुछ नहीं दिखाई देता है। वो आज भी अतीत में जी रहे हैं। उन्हे पता ही नहीं चल रहा है कि भारत इस वंशवाद की बेल से आजादी चाह रहा है। जाने अनजाने राहुल इस वंशवाद की बेल को आगे बढ़ा रहे हैं। जब तक इस तरह की तस्वीरों के जरिए कांग्रेस हम वाले अंदाज में जनता को संबोधित करती रहेगी उसका भला नहीं हो सकता है।