क्‍या दिग्विजय सिंह की रगों में दौड़ता है पाकिस्‍तानी खून ? आतंकियों से इतनी मोहब्‍बत क्‍यों ?

कांग्रेस पार्टी के वरिष्‍ठ नेता दिग्विजय सिंह अपने काम से ज्‍यादा विवादित बयानों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं। क्‍यों हैं वो आतंकवाद प्रेमी ?

New Delhi Aug 21 : कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता दिग्विजय सिंह की रगों में पाकिस्‍तानी खून दौड़ता है या फिर हिंदुस्‍तानी ? अगर आपके पास इस सवाल का जवाब हो तो जरुर दीजिएगा। लेकिन, ये सवाल हम क्‍यों पूछ रहे हैं जरा ये भी जान लीजिए। दरअसल, अपनी राजनीति और मोदी सरकार पर हमला करने के चक्‍कर में दिग्विजय सिंह सरीखे नेता ये भूल जाते हैं कि वो क्‍या कह रहे हैं ? किस हद तक जाकर बयान दे रहे हैं ? अकसर दिग्विजय सिंह अपने बयानों में अपनी हदों को पार कर जाते हैं। इस बार भी उन्‍होंने कुछ ऐसा ही किया है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट किया। जिसमें उन्‍होंने देश के रक्षा मंत्री और वित्‍त मंत्री अरुण जेटली के लिए लिखा है कि “कोई भी रक्षा मंत्री व वित्त मंत्री इतना बड़ा झूठ बोल सकता है इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। बेशर्मी की भी हद है।”

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इस ट्वीट के साथ दिग्विजय सिंह ने अखबार की एक कटिंग भी पोस्‍ट की है। जिसका शीर्षक है “नोटबंदी से आतंकवादी-नक्‍सली कंगाल, पत्‍थरबाज बर्बाद : जेटली”। दिग्विजय सिंह को अरुण जेटली का ये बयान फर्जी नजर आ रहा है, लेकिन क्‍यों ? इस बात में कोई शक नहीं है कि जब से नोटबंदी हुई है और एनआईए ने टेरर फंडिंग को लेकर कश्‍मीर के अलगाववादी नेताओं पर लगाम लगाई है ये लोग पैसों के लिए मोहताज हो गए हैं। लेकिन, जेटली का ये बयान कांग्रेस के देशभक्‍त नेता दिग्विजय सिंह को फर्जी लग रहा है। वो भी बिना किसी तथ्‍य के। ऐसे में ये सवाल पूछा जाना चाहिए कि दिग्विजय सिंह क्‍या आपके पास ऐसे कोई आंकड़े या सबूत हैं जिससे आप ये साबित कर दें कि नोटबंदी के बाद भी अलगाववादी नेताओं के पास हवाला का पैसा पहुंच रहा है ?

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क्‍या वो ये साबित कर सकते हैं कि कश्‍मीर में इंडियन आर्मी ने आतं‍कवादियों के खिलाफ जो ऑपरेशन ऑल आउट चलाया है वो फर्जी है? क्‍या दिग्विजय सिंह के पास इस बात का जवाब है कि उनकी पार्टी के नेता मणिशंकर अय्यर घाटी में शब्‍बीर शाह जैसे नेताओं से क्‍यों मिले थे। जबकि अब ये साबित हो चुका है कि शब्‍बीर शाह घाटी में पाकिस्‍तान के इशारे पर टेरर फंडिंग के जरिए आतंक फैला रहा था। वो जेल में हैं। लेकिन, मणिशंकर अय्यर उसके यहां चाय क्‍यों पी रहे थे? दिग्‍गी राजा को आतंकवादियों के खिलाफ बयान पसंद क्‍यों नहीं आते हैं। क्‍यों वो उनका हौंसला बढ़ाने की कोशिश करते हैं। ये वहीं दिग्विजय सिंह हैं जो दुनिया के खूंखार आतंकी संगठन लश्‍कर-ए-तैयबा के संस्‍थापक हाफिज सईद को हाफिज साहब और अलकायदा के मुखिया ओसामा बिन लादेन को ओसामा जी कह कर पुकारते हैं।

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ये वही दिग्विजय सिंह हैं जो दुनिया में जेहाद का भड़काऊ पाठ पढ़ाकर आतंकी बनाने वाले जाकिर नाइक की पीठ थपथपाते हैं। दोनों की तस्‍वीरें और वीडियो देश-दुनिया के सामने आ चुके हैं। ये वहीं ठाकुर साहब हैं जिन्‍हें एनकाउंटर में मरने वाले मुसलमान आतंकी या फिर बदमाश की मौत पर सबसे ज्‍यादा अफसोस होता है। सिमी के भगोड़े आतंकियों से लेकर बटला हाउस एनकाउंटर तक में इन्‍हें साजिश की बू नजर आती है। आतंकियों के खिलाफ सरकार के एक भी बयान इन्‍हें सच्‍चे नहीं लगते हैं। इन्‍हें एनकाउंटर में मरने वाले मुस्लिम आतंकी नजर आते हैं लेकिन, राजौरी सेक्‍टर में देश की हिफाजत करते हुए मुदस्‍सर अहमद की शहादत नहीं दिखती। दिग्विजय सिंह बेहतर होगा कि आप ही इस सवाल का जवाब दे दीजिए कि आपके दिल में आतंकियों के लिए इतनी मोहब्‍बत क्‍याें है ? क्‍या आपके बयान को आतंकियों और पत्‍थरबाजों के समर्थन के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए ?