फटा पोस्‍टर निकला ‘जीरो’ ! विपक्षी एकता का ये पोस्‍टर बिलकुल फर्जी है

एक पोस्‍टर ने सोमवार को यूपी समेत देश की राजनीति में हड़कंप मचा दिया था। लेकिन, देखते ही देखते विपक्ष की तरह सब टांय-टांय फिस्‍स हो गया।

New Delhi Aug 21 : सुबह जैसे ही आंख खुली और न्‍यूज पेपर उठाया तो नजर तहलका मचाने वाली खबर पर पड़ी। बीएसपी के एक पोस्‍टर ने हंगामा मचा रखा था। ये खबर कई अखबारों की सुर्खियां बनी हुई थी। फोन चेक किया तो न्‍यूज के तमाम व्‍हाट्सअप ग्रुप्‍स पर इसी खबर को लेकर लोगों के एडोटिरयिल नजरिए दिख रहे थे। कोई लिख रहा था कि “यूपी की सियासत में बड़ी उथल-पुथल” तो कोई कह रहा था कि “मायावती की विपक्षी एकता मोदी के लिए खतरा बनी।” खबर पढ़ने के बाद पता चल चुका था कि ये पोस्‍टर बीएसपी के ट्विटर हैंडल से जारी हुआ है। लेकिन, मैं बहुजन समाज पार्टी के जिस ब्‍लू टिक वाले ट्विटर हैंडल को फाॅलो कर रहा था उस पर ऐसा कुछ भी नहीं था। मन में खटका हो चुका था। बीएसपी के कुछ नेताओं से बात हुई तो सच्‍चाई सामने आ गई।

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पता चला कि इस पोस्‍टर को फर्जी तरीके से पब्लिश किया गया है। रविवार की देर शाम बीएसपी के नाम से बने ट्विटर हैंडल से ये पोस्‍टर जारी किया गया था। जिसमें नीले बैकग्राउंड वाले इस पोस्‍टर में अपील की गई थी कि सामाजिक न्‍याय के समर्थन में विपक्ष एक हो। इस पोस्‍टर में एक ओर आदमकद मायावती की फोटो चस्‍पा की गई थी। जबकि नीचे की ओर से अखिलेश यादव, तेजस्‍वी यादव, लालू यादव, शरद यादव, ममता बनर्जी और कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी की फोटो लगाई गई थी। ये पहला मौका था जब एक ही पोस्‍टर पर मायावती और अखिलेश यादव साथ-साथ दिखे हों। यानी संकेत यूपी में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के साथ आने के मिल रहे थे। हंगामा भी इसीलिए मचा हुआ था।

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दोनों ही दलों को एक दूसरे का धुर विरोधी माना जाता है। लेकिन, मायावती पहले ही इस बात के संकेत दे चुकी हैं क‍ि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी को 2019 में रोकने के लिए किसी से भी हाथ मिलाने के लिए हैं। वहीं मुलायम सिंह यादव के समधि और आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव भी चाहते हैं कि मायावती और अखिलेश यादव एक हो जाएं। हालांकि ये बात मुलायम सिंह यादव को ठीक नहीं लगती। लालू यादव ने पटना में आयोजित अपनी स्‍वाभिमान रैली में अखिलेश यादव को भी न्‍यौता दिया है और मायावती को भी बुलाया है। माना जा रहा है कि अगर दोनों वहां पर पहुंचते हैं तो ये पहला मौका होगा जब माया और अखिलेश को एक ही मंच पर देखा जा सके। इन्‍हीं सब कयासों के बीच इस पोस्‍टर आने से हड़कंप मच गया था।

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हालांकि बहुजन समाज पार्टी के महासचिव सतीश मिश्रा भी आधिकारिक बयान जारी कर ये साफ कर चुके हैं कि इस तरह का पोस्‍टर उनकी पार्टी की ओर से जारी नहीं किया गया है। विपक्षी एकजुटता की अपील करता हुआ ये पोस्‍टर फर्जी है। वैसे बेशक इस पोस्‍टर के फटने के बाद कुछ ना निकला हो। लेकिन, इतना जरुर है कि इस वक्‍त पूरा का पूरा विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ छटपटाया जा रहा है। बीजेपी विरोधी सारे दल एकजुटता की बात कर जरुर रहे हैं। लेकिन, विपक्ष में बैठे महात्‍वाकांक्षी नेताओं की हालत इस वक्‍त जार में बंद उन केकड़ों की तरह नजर आ रही है जो कभी भी किसी को ऊपर नहीं जाने दे सकता। अगर विपक्ष एकजुट हो भी गया तो नेता पर विवाद जारी रहेगा।