अच्‍छी पहल ! गोवंश की कुर्बानी के खिलाफ मुस्लिम समुदाय

बकरीद से पहले मुस्लिम समुदाय का एक स्‍वागत योग्‍य फैसला सामने आया है। जिसकी प्रशंसा होनी चाहिए। ये फैसला गोवंश की कुर्बानी के खिलाफ है।

New Delhi Aug 21 : हर कोई ये बात जानता है कि देश के ज्‍यादातर राज्‍यों में गोवध पर प्रतिबंध है। गोवंश की ना तो कुर्बानी दी जा सकती है और ना ही उसका मीट परोसा जाता है। बावजूद इसके कई जगहों पर लोग कानून को ठेंगा दिखाते हुए गौमांस का सेवन करते हैं, गायों की तस्‍करी करते हैं और जब पकड़े जाते हैं तो सांप्रदायिक बवाल होता है। इस तरह के बवाल पर राजनीति भी खूब होती है। लेकिन, देश में सांप्रदायिक माहौल ना बिगड़े और पूरी शांति रहे इस बात को लेकर मुस्लिम समुदाय ने अच्‍छी पहल की है। मुस्लिम संगठनों ने प्रस्‍ताव पास किया है कि देश में बकरीद के दिन गोवंश की कुर्बानी नहीं दी जाएगी। इस खबर को बदलते भारत की तस्‍वीर के तौर पर भी देखा जा सकता है। जिसकी हर तरफ सराहना हो रही है।

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मुस्लिम समुदाय के इस फैसले से केरल कांग्रेस जैसे संगठनों को भी सबक लेनी की जरुरत है। जो गोवंश की हत्‍या पर लगी पाबंदी के खिलाफ खुलेआम सड़क पर गोवंश का वध करते हैं और बीफ पार्टी का आयोजन करते हैं। लोगों की भावनाओं को भड़काने वाली इस तरह की राजनीति को कतई बर्दास्‍त नहीं किया जा सकता है। जहां एक ओर कुछ पार्टियां गोवंश के वध और उनके मीट को लेकर राजनीति करती हैं वहीं दूसरी ओर अब इसके खिलाफ खुद मुस्लिम समुदाय के लोग ही सामने आ रहे हैं। बकरीद पर कुर्बानी को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिसे मुशावरत यानी AIMMM ने एक प्रस्ताव पास किया है। जिसमें सभी मुसलमानों से अपील की गई है कि वो बकरीद के दिन गोवंश की कुर्बानी ना करें।

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ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिसे मुशावरत की ओर से ये प्रस्ताव 30 जुलाई को ही पास कर दिया गया था। AIMMM के जनरल सेक्रेटरी मौलाना अब्दुल हमीद नोमानी कहते हैं कि ये फैसला पुणे में मुशावरत की मीटिंग में लिया गया। मौलाना अब्दुल हमीद नोमानी का कहना है कि उन्‍होंने उन सभी राज्‍यों के मुसलमानों से अपील की है जहां पर गोहत्‍या पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके अलावा जिन राज्‍यों में गोवंश पर कोई प्रतिबंध नहीं है वहां भी बेहतर यही होगा कि गोवंश की कुर्बानी ना दी जाए। जाहिर है जब सरकारें सभी धर्म के लोगों की धार्मिक आजादी का ख्‍याल रखती है तो हम सभी की ये जिम्‍मेदारी बनती है कि हम भी धर्म की आड़ में कुछ भी गैरकानूनी ना होने दें।  ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिसे मुशावरत का ये फैसला काबिले तारीफ है।

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इससे पहले भी मुस्लिम समुदाय इस बात को लेकर भी सामने आ चुके हैं कि लोगो को गाय का मांस खाना ही छोड़ देना चाहिए। जबकि कुछ इस तरह की पाबंदी को निजता पर हमला बताते हैं। दरसअल, भारत के कुल 29 राज्‍यों में से 11 राज्‍य ऐसे हैं जहां पर गायों की हत्‍या पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा हुआ है। देश के इन राज्‍यों में जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महराष्ट्र और छत्तीसगढ़ शामिल हैं। इसके अलावा केंद्र शासित राज्‍य दिल्‍ली और चंडीगढ़ में भी गोहत्‍या का पूरी तरह प्रतिबंध है। वहीं, बिहार, झारखंड, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और गोवा में गोहत्‍या पर आशिंक प्रतिबंध है। केरल, पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नगालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम जैसे राज्‍यों में गोवध पर कोई प्रतिबंध नहीं है।