गुरमीत राम रहीम : देश बड़ा है या धर्म और पंथ ?
अपने सियासी फ़ायदे के लिए इस गुरमीत राम रहीम और उसके संगठन डेरा सच्चा सौदा को पहले कांग्रेस और अब भाजपा ने ही पालपोस कर इतना बड़ा किया है कि वह देश के संविधान को चुनौती दे रहा है।
New Delhi, Aug 24 : हरियाणा में आज़ाद भारत के इतिहास में संविधान और क़ानून के शासन पर अभी तक का सबसे बड़ा संकट उपस्थित हैं। बलात्कार और हत्या के कई आरोप झेल रहे एक कथित संत गुरमीत राम रहीम सिंह के लाखों भक्त यह कहते हुए सड़कों पर उतर आए हैं कि उन्हें अपने गुरु के खिलाफ़ अदालत का कोई भी फैसला मंज़ूर नहीं। ऐसा हुआ तो वे खून की नदियां बहा देंगे।
कुछ अंधभक्त तो ऐसी हालत में दुनिया के नक़्शे से भारत का नाम तक मिटा देने की खुलेआम धमकी दे रहे हैं। कल सुबह तक इस अराजक भीड़ की संख्या दस लाख से भी ऊपर पहुंचने का अनुमान है।
गुरमीत राम रहीम पर अपनी ही एक शिष्या के साथ बलात्कार के मामले में पंचकूला के सी.बी.आई कोर्ट में कल फ़ैसला आने वाला है। फ़ैसला अगर गुरमीत राम रहीम के ख़िलाफ़ आया तो उसे भगवान मानने वाले अंधभक्त किस हद तक जा सकते हैं, इसकी कल्पना की जा सकती है। हरियाणा और पंजाब की सरकारें डरी हुई हैं। दोनों ही राज्यों में पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के क़रीब एक लाख जवानों की प्रतिनियुक्ति के बाद भी सेना को अलर्ट पर रखा गया है। ज्ञातव्य है कि अपने सियासी फ़ायदे के लिए इस राम रहीम और उसके संगठन डेरा सच्चा सौदा को पहले कांग्रेस और अब भाजपा ने ही पालपोस कर इतना बड़ा किया है कि वह देश के संविधान को चुनौती दे रहा है।
देखना है कि भारत सरकार समय रहते एक अध्यादेश लाकर गुरमीत राम रहीम के संगठन को एक आतंकी संगठन घोषित कर उसके समर्थकों के विरुद्ध क्या वैसी ही कार्रवाई कर सकती है जैसी वह आतंकियों और देशद्रोहियों के साथ करती है ? क्या संघ के लोगों में डेरा सच्चा सौदा के इन अंधभक्तों से भी यह सवाल पूछने का साहस है कि उनके लिए देश बड़ा है या धर्म और पंथ ? अगर नहीं है तो हम क्यों न मानें कि राष्ट्रवाद और देशभक्ति की घुट्टी संघ के कारखाने में सिर्फ मुसलमानों को पिलाने के लिए ही तैयार की जाती है !