मोदी और अमित शाह का ‘ऑपरेशन गुजरात’ तैयार है, इस बार इन्हें मिलेगी कमान !
इसी साल के अंत में गुजरात विधानसभा चुनाव होने हैं। मोदी और अमित शाह की जोड़ी इस बार गुजरात में अनोखा नेतृत्व परिवर्तन दिखा सकती है।
New Delhi Aug 30 : गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी यहीं से आते हैं। गुजरात की सत्ता इन दोनों ही नेताओं के लिए साख का सब्जेक्ट है। 2001 से लेकर 2014 तक गुजरात में नरेंद्र मोदी की तूती बोलती रही। गुजरात ने इनका कद इतना बढ़ा दिया कि वो मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री बन गए। अमित शाह मंत्री से भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए। मोदी और शाह की जोड़ी आज भी कमाल दिखाती है। ये कमाल इस बार आपको गुजरात विधानसभा के चुनाव में भी देखने को मिल सकता है। इस बार गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन होगा। बीजेपी की ओर से यहां की कमान किसी खास नेता को सौंपी जा सकती है। लेकिन, वो कौन होगा ?
दरअसल, नरेंद्र मोदी और अमित शाह दोनों ही इस वक्त राज्य से निकलकर केंद्रीय राजनीति में पहुंच चुके हैं। गुजरात विजय रुपाणी के हवाले है। लेकिन, कहा जा रहा है कि पार्टी हाईकमान विजय रुपाणी से बहुत खुश नहीं है। रुपाणी को किसी भी कीमत पर गुजरात में रिपीट नहीं किया जाएगा। आनंदी बेन पटेल पहले ही साइड लाइन हो चुकी हैं। इस सूरत में अमित शाह और मोदी को गुजरात में एक ऐसे नेता की तलाश है जो ना तो पहचान का मोहताज हो और ना ही काम का। वो वोटरों पर अपनी छाप भी छोड़ सके। पार्टी हाईकमान के इस सर्च ऑपरेशन में फिलहाल उनकी नजर स्मृति ईरानी पर टिकी हुई है। स्मृति ईरानी का गुजरात से पुराना नाता भी रहा है। 2011 में पहली बार वो यहीं से राज्यसभा पहुंची थीं।
स्मृति ईरानी तेज तर्रार महिला नेता हैं। विपक्ष की धज्जियां कैसे उड़ाई जाती है उन्हें बखूबी आता है। बहुत मुमकिन है कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह गुजरात में इस बार स्मृति ईरानी को प्रमोट कर दें। स्मृति ईरानी को गुजरात में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जा सकता है। खुद स्मृति ईरानी इस वक्त गुजरात में काफी सक्रिय भी नजर आ रही हैं। शायद पहली बार उन्होंने गुजराती भाषा में ट्वीट भी किया है। ये वो संकेत हैं जो सूत्रों के हवाले से मिल रही खबरों पर मुहर लगाते हैं। स्मृति ईरानी जैसे चर्चित चेहरे पर दांव लगाना बीजेपी के लिए यहां पर फायदे का सौदा हो सकता है। हालांकि गुजरात में बीजेपी का मुकाबला हमेशा से कांग्रेस से ही रहा है। लेकिन, हर बार कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी।
इस बार तो राज्यसभा इलेक्शन से पहले ही कांग्रेस पार्टी में दरार पड़ गई थी। शंकर सिंह वाघेला कांग्रेस पार्टी छोड़ चुके हैं। अहमद पटेल को राज्यसभा पहुंचने में कितनी मशक्कत करनी पड़ी थी। ये खुद वो ही जानते हैं। लेकिन, कहते हैं कि मोदी और अमित शाह कभी भी अपने सियासी दुश्मन को कमजोर नहीं समझते। चाहें वो अहमद पटेल हों या फिर हार्दिक पटेल। इन दोनों ही लोगों से गुजरात में बीजेपी को चुनौती मिल सकती है। जिसका सामना खुद मोदी और अमित शाह को भी करना होगा। लेकिन, केंद्रीय नेतृत्व की कमान संभालने की वजह से दोनों का गुजरात में डेरा जमाना भी मुमकिन नहीं होगा। ऐसे में अभी तक तो स्मृति ईरानी की जगह किसी दूसरे नेता का नाम गुजरात के लिए किसी को नहीं सूझ रहा।