‘कांग्रेस राज’ में नपने वाले एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की ‘मोदी राज’ में धुआंधार वापसी
नौ साल तक वनवास झेलने के बाद मुंबई पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा ने धुआंधार वापसी की है। आते ही दाऊद के भाई पर हाथ डाला।
New Delhi Sep 19 : कांग्रेस सरकार पर हमेशा से ये आरोप लगते रहे हैं कि वो देशद्रोहियों के हाथों खेली जाती रही है। कांग्रेस राज में जिन पुलिसवालों ने जान जोखिम में डालकर देश की हिफाजत की उन्हें ही सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया। ऐसे ढेरों मामले हैं जिनके उदारहण यहां पर पेश किए जा सकते हैं। कहीं किसी को सीबीआई ने परेशान किया तो कहीं एटीएस ने। कहीं खुद उनके महकमों ने ही जाबांज अफसरों को प्रताडि़त किया। मुंबई पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा का नाम भी इसी लिस्ट में शामिल होता है। नौ साल का वनवास झेलकर अभी पिछले महीने ही उन्होंने अपनी वापसी की है। लेकिन, कानून की कमान संभालते ही उन्होंने दिखा दिया कि उनके बाजुओं में आज भी वही ताकत है।
अभी सोमवार की रात को ही मुंबई पुलिस की एंटी एक्सटॉर्शन सेल ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के छोटे भाई इकबाल कासकर को अरेस्ट किया। लेकिन, इस गिरफ्तारी के बाद एक नाम ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। वो नाम था एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा का। प्रदीप शर्मा इस वक्त एंटी एक्सटॉर्शन सेल के चीफ हैं। प्रदीप शर्मा ने इकबाल कासकर के अलावा चार और लोगों को भी वसूली के आरोप में उठा लिया। प्रदीप ने इकबाल कासकर को दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के घर से उस वक्त उठाया जब वो वहां पर बिरयानी का लुत्फ उठा रहा था। जाहिर है एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा ने इकबाल कासकर को गिरफ्तार कर मुंबई में दाऊद इब्राहिम की पूरी की पूरी सल्तनत को चुनौती दे दी है।
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट लंबे समय से गुमनामी की जिदंगी जी रहे थे। वो गंदी राजनीति के शिकार हो गए थे। एक महीने पहले ही उनकी पुलिस महकमे में बहाली हुई थी और वो वर्दी में वापस आए थे। 56 साल के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा पिछले नौ सालों से वनवास झेल रहे थे। अपने ऊपर लगे फर्जी आरोपों के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे। 90 के दशक में जिस वक्त मुंबई पर दाऊद इब्राहिम का राज हुआ करता था, अंडरवर्ल्ड का दबदबा रहता था उस वक्त बदमाशों के लिए प्रदीप शर्मा खौफ का दूसरा नाम थे। प्रदीप पर फिल्में भी बन चुकी हैं। साल 2008 में उन्हें पुलिस से बर्खास्त कर दिया गया था। उस वक्त महाराष्ट्र में कांग्रेस की ही सरकार हुआ करती थी। उस वक्त कांग्रेस सरकार ने प्रदीप शर्मा के खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 311 का इस्तेमाल किया था। जो नियोक्ता को बिना नोटिस कर्मचारी को नौकरी से निकालने का अधिकार देता है।
बाद में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा ने अपनी बर्खास्तगी को महाराष्ट्र ऐडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्युनल में चुनौती दी थी। 2009 में ट्रिब्युनल ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया। लेकिन, महाराष्ट्र सरकार भी प्रदीप के पीछे हाथ धोकर पड़ी हुई थी। राज्य सरकार ने ट्रिब्युनल के फैसले को बांबे हाईकोर्ट में चुनौती दे दी। साल 2010 में लखन भईया के फर्जी एनकाउंटर के आरोप में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 2013 में वो बरी हो गए। लेकिन, इसके बाद भी प्रदीप शर्मा को पुलिस महकमे में वापसी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। अब मोदी राज में गृहमंत्रालय की मंजूरी के बाद उनकी पुलिस महकमे में वापसी हुई और उन्हें ठाणे पुलिस में एंटी एक्सटॉर्शन सेल का चीफ बनाया गया। ज्वाइनिंग के एक महीने के भीतर ही प्रदीप शर्मा ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के भाई पर हाथ डालकर अपनी धमाकेदार वापसी दर्ज कराई।