समाजवादी पार्टी के कुनबे में जारी है कलह ! मुलायम के खिलाफ अखिलेश की नई बगावत

समाजवादी पार्टी के भीतर का घमासान थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। पार्टी बरबादी की कगार पर पहुंच चुकी है फिर भी मुलायम और अखिलेश और शिवपाल का झगड़ा खत्‍म नहीं हो रहा।

New Delhi Sep 21 : समाजवादी पार्टी टूट चुकी है। खंड-खंड हो चुकी है। दो हिस्‍सोंं में बंट चुकी है। पार्टी के साथ-साथ मुलायम सिंह यादव का परिवार भी खेमों में बंट गया है। लेकिन, भी इस पार्टी की तकरार खत्‍म नहीं हो रही है। समाजवादी पार्टी के नेता विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना कर चुके हैं। फिर भी इस हार से सबक नहीं लिया जा रहा है। बिना वर्चस्‍व वाली पार्टी के भीतर वर्चस्‍व की जंग जारी है। गुरुवार को अखिलेश यादव के समर्थकों ने पार्टी के भीतर सुलगती फूट की आग को और भड़का दिया है। अखिलेश समर्थकों ने लोहिया ट्रस्‍ट की बैठक का बहिष्‍कार कर दिया है। जबकि ये बैठक समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की ओर से बुलाई गई थी। बैठक में मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव तो पहंचे लेकिन, बेटे ने कन्‍नी काट ली।

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समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अखिलेश यादव और उनके समर्थक लोहिया ट्रस्‍ट की इस मीटिंग में नहीं पहुंचे। इस मीटिंग में ना तो अखिलेश यादव आए और ना ही रामगोपाल यादव। आजम खान, धमेंद्र यादव और बलराम यादव भी इस मीटिंग में नहीं पहुंचे। मतलब साफ है कि समाजवादी पार्टी के अलावा मुलायम सिंह यादव के कुनबे के कलह जारी है। ऐसा नहीं है कि लोहिया ट्रस्‍ट पर सिर्फ मुलायम सिंह यादव का ही अधिकार है। लोहिया ट्रस्‍ट में मुलायम सिंह यादव के अलावा शिवपाल यादव, अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव भी सदस्‍य हैं। इससे पहले भी मुलायम सिंह यादव ने लोहिया ट्रस्‍ट की मीटिंग बुलाई थी। लेकिन, उस मीटिंग में भी अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव नहीं पहुंचे थे।  

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पिछली बैठक में मुलायम सिंह यादव ने कई बड़े फैसले लिए थे। तब इस बैठक का आयोजन लोहिया ट्रस्ट कार्यालय में ही किया गया था। तब मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव के करीबी चार सदस्यों को ट्रस्ट से बेदखल कर दिया था। मुलायम सिंह यादव ने ट्रस्‍ट से जिन लोगों को बेदखल किया था उसमें राम गोविंद चौधरी, ऊषा वर्मा, अशोक शाक्य और अहमद हसन शामिल थे। ये चारों के चारों ही नेता अखिलेश यादव के बेहद करीबी थे। इतना ही नहीं मुलायम सिंह ने लोहिया ट्रस्‍ट से अखिलेश के करीबियों को हटाकर उनकी जगह पर शिवपाल यादव के करीबियों को ट्रस्‍ट में शामिल कर लिया था। मुलायम सिंह यादव ने दीपक मिश्रा, राम नरेश यादव, राम सेवक यादव और राजेश यादव को ट्रस्‍ट का सदस्‍य बनाया था।

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इस बैठक के बाद शिवपाल यादव के तेवर काफी गरम नजर अाए। उनका कहना था कि लोहिया ट्रस्‍ट में वहीं व्‍यक्ति रहेगा जो लोहिया के हित में काम करेगा। शिवपाल यादव ने बताया कि इस मीटिंग के बारे में अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव समेत ट्रस्‍ट के सभी सदस्‍यों को जानकारी दे दी गई थी। हो सकता है कि किसी काम में फंस जाने की वजह से ये लोग ना आ पाए हों। इसके साथ ही उन्‍होंने उन चर्चाओं को भी खारिज कर दिया जिसमें अखिलेश यादव को इस ट्रस्‍ट का अध्‍यक्ष बनाए जाने की बात हो रही थी। शिवपाल यादव कहना है कि लोहिया ट्रस्‍ट के अध्‍यक्ष नेता जी रहेंगे। हम सभी लोग एक बार फिर से पार्टी को एकजुट और मजबूत करने की कोशिश करेंगे। लेकिन, इन कोशिशों से पहले ही पार्टी की कोशिशों में अखिलेश यादव और उनके समर्थकों ने पलीता लगा दिया है।